हॉकी फील्ड हर किसी का लोकप्रिय खेल है. विशेषकर भारत में तो हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा भी दिया गया है. वहीं इस खेल में भारत ने विश्वपटल पर अपनी धाक भी जमाई है. मेजर ध्यानचंद जैसे कई खिलाड़ी है जिन्होंने भारत का नाम विश्व के बेहतरीन हॉकी खिलाड़ियों के बीच में कायम किया है.
वहीं हॉकी खेल की शुरुआत आज से लगभग चार हजार वर्ष पर्व मिस्त्र में हुआ था. हॉकी खेल में शुरुआत से लेकर आजतक बहुत ज्यादा बदलाव देखने को मिले है. इसमें फील्ड हॉकी में खिलाड़ियों संख्या भी रिलेटेड है. आज हम जिस हॉकी खेल रहे हैं पहले ये इस तरीके से नहीं खेला जाता था.
ऐसा कहा जाता है कि हॉकी की शुरुआत भारत देश में हुई थी हॉकी को पहली बार भारत में ही खेला गया था. लेकिन इस बार वर्तमान समय में हॉकी को पूरे विश्व में पहचान मिली और इसे अब हर अन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेला जाता है.
हॉकी के वर्तमान के नियम रूल्स कमेटी द्वारा बनाए गए हैं जो वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी ऑफ हॉकी, फेडरेशन इंटरनेशनल डी हॉकी या FIH इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ हॉकी द्वारा ही बनाए जाते हैं.
हॉकी के कुछ बेसिक बातों की बात करें तो इसमें दो टीमें खेलती है. सारे खिलाड़ी हॉकी स्टिक और एक गेंद के साथ इस खेल को खेलते है.
आज के समय में हॉकी खेल को बहुत प्रकारों में खेला जाता है जैसे फील्ड हॉकी, बर्फ हॉकी, रोलर हॉकी, प्लेयर हॉकी और गली हॉकी जिसमें से हॉकी फील्ड और बर्फ हॉकी को काफी लोकप्रियता मिली है. पुराने जमाने में हॉकी फील्ड के माप और लम्बाई-चौड़ाई शाही तरीके से ही निर्णित किए जाते थे लेकिन आधुनिक रूप से बदलाव आते गए और होच्केय्के मैदान का आकर और इसमें माप में भी बदलाव आते गए. अब मीट्रिक मापन के इकाईयों के साथ कोष्ठक में शाही यूनिट्स का उपयोग किया जाता है. इसी माप को सबकी अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेलों में माना जाता है.
हॉकी फील्ड की लम्बाई-चौड़ाई की बात करें तो यह 100 यार्ड लम्बा और 60 यार्ड चौड़ा होता है. इसका आकर आयताकार होता है. दोनों छोर पर गोल पोस्ट होते हैं जिनकी ऊंचाई 7 फीट होती है और 12 फूट चौड़ाई होती है यही गोलकीपर का लक्ष्य होता है जिसमें गोलकीपर को गेंद को अंदर नहीं प्रवेश करने देना होता है. इसके साथ ही 25 यार्ड दोनों छोर पर लाइन होती है और इतनी ही लम्बाई की लाइन मैदान के मध्य भाग मतलब सेंटर लाइन होती है.
वहीं हॉकी फील्ड में पेनल्टी स्ट्रोक की बात करें तो उसके लिए एक 6 इंच के व्यास का एक स्पॉट होता है जो कि गोल पोस्ट के मध्य से 7 यार्ड पर स्थित होता है. फील्ड हॉकी में शूटिंग सर्किल वेस लाइन से 15 मीटर की दूरी पर होता है. यह आमतौर पर सिंथेटिक घास से ढका होता है. मैदान को एक मिडलाइन द्वारा दो बराबर हिस्सों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक हाफ को 23 मीटर लाइन से बांटा जाता है. सिंथेटिक मैदान का उपयोग अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में या राष्ट्रीय खेलों में अधिकतर किया जाता है.
ओलम्पिक और विश्वकप खेलों में पानी आधारिक खेल की आवश्यकता होती है जिससे मैदान में खेलने में आसानी होती है. और खिलाड़ियों को खेलने के लिए काफी सुविधा भी होती है. ज्यादा पानी वाले पिचों पर छोटे फाइबर और गीली टर्फ घर्षण को कम करते हैं और उस गति को बढाते है जिस से खिलाड़ियों को खेलने में आसानी होती है.
बाकी बात करें हॉकी के नियम की तो वो फुटबॉल से ही समानता रखते हैं. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी के खेल के नियम की जिम्मेदारी अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ की होती है. हॉकी खेल में एक समय सिर्फ हमारे देश भारत का बोलबाला था और हॉकी में भारत का परचम हर जगह लहरा रहा था. वहीं भारत में हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा भी प्राप्त है.