FIFA bans 1 official: फीफा के जजों ने एक फैसला सुनाया जिस से लोग
काफी खुश है और खिलाड़ियों को
भी ये लगने लगा है की अगर उनके साथ कुछ गलत होता होता है तो फीफा
उनके साथ न्याय जरूर करेगा।
असल में बात ये है
की एक महिला रेफरी का यौन उत्पीड़न का
मामला सामने आया था जिसमे आरोपी जिम्बाम्बे
के एक अधिकारी को बनाया गया था। अब उसी
आरोप में जिम्बाब्वे पुरुष फुटबॉल अधिकारी पर
गुरुवार यानी कल को पांच साल का प्रतिबंध लगा
दिया गया है और इस फैसले का स्वागत भी हुआ है।
फीफा ने इस न्याय को सुनाते हुए कहा कि ओबर्ट
ज़ोया को तीन महिलाओं के “यौन उत्पीड़न के लिए
अपने पद का दुरुपयोग” करने का दोषी पाया गया
था। उन पर 20,000 स्विस फ़्रैंक ($20,300) का जुर्माना लगाया गया था। ज़ोया ज़िम्बाब्वे फ़ुटबॉल
एसोसिएशन की रेफरी कमेटी की महासचिव रह
चुकी हैं, जो मैच अधिकारियों को प्रशिक्षण देने
और उन्हें खेलों में नियुक्त करने पर प्रभाव
डालती हैं। ऐसे बड़े अधिकारी होने के बाद ऐसा
निंदनीय कार्य करना सहन नही किया जा सकता।
फीफा ने जो ये न्याय किया है इस से आगे बाकी
अधिकारियों में डर बना रहेगा सिर्फ अधिकारी ही
नही बल्कि जो भी ऐसा घिनौना काम करने की
सोचेगा भी। फीफा ने एक उदाहरण सेट कर दिया है
बाकियों के लिए भी। अगर कोई गलत करने का
विचार भी मन में लाएगा तो उसे ये बात जरूर याद
आएगा।
फीफा ने कहा कि महिलाओं के लिखित बयान सहित
सबूतों के कारण ज़ोया के खिलाफ आरोप साबित
हुए हैं और इसी वजह से इस नतीजे पे पहुंचा गया
है । ये उत्पीड़न वाला आरोप पहली बार सन 2020 में
दर्ज किया गया था।
फीफा के लिए नवीनतम यौन शोषण का मामला
अफगानिस्तान और हैती में वरिष्ठ फुटबॉल
अधिकारियों के खिलाफ जांच और प्रतिबंधों
के बाद आया है। गैबॉन में जांच जारी है।
FIFA bans 1 official
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