Farrow ने कहा केसे उन्होंने चोट और मानसिक तनाव को खत्म किया। Farrow जो एक समय के लिए चेल्सी, ब्रिस्टल सिटी और रीडिंग जैसे बड़े क्लब्स के लिए खेलती थी, उन्होंने बताया कि केसे उन्होंने उनके अंदर पनप रहे मानसिक तनाव को दूर किया। 26 वर्षीय farrow ने इस सबका विवरण अपने नई खिताब “Brave Enough Not to Quit” मे किया है। इस खिताब मे उन्होंने अपने उन कठिन समय का विवरण किया है, जब वो चोटिल और मानसिक तनाव से गुज़र रही थी। अभी वो नॉर्थ कैरोलिना टीम कि तरफ से खेलती है।
एक खिताब मे किया अपने मुश्किल दिनों का वर्णन
आप सभी अपने 15 वर्ष के आयु मे क्या कर रहे होंगे, ज्यादातर लोग अपने पढाई के मामले मे उलझे रहे होंगे। पर मेने 15 साल कि उमर मे चेल्सी अकादमी जोइन कि थी, और हमारा वो सीजन बहुत ही कमाल का गया था।हम आर्सेनल के खिलाफ खेलते हुए एफए यूथ कप के फाइनल में पहुंचे और तभी मैंने पहली बार अपने ACL चोट से अवगत हुई। उस समय मे अकादमी मे हमको ज्यादा समय नही मिलता था।
हमे हफ्ते में केवल दो बार शाम को ही ट्रेनिंग दी जाती थी और बहुत सारे क्लबों के साथ अभी जैसा समर्थन और सुविधाएं उस समय नहीं था। इसलिए मुझे रीहैब के लिए काफी समय लग गया था। और इसका मुख्य कारण था मेरी आयु, मे उस समय ज्यादा रिस्क भी नही ले सकती थी। इसलिए मेने कुछ दिन फुटबॉल छोड़ कर पढाई पर ध्यान लगाने कि कोशिश पर आखिर मे किसी मे भी सफल नही हो पाई।
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एक 15-16 साल कि लड़की के लिए ये किसी भोज से कम नही था। ये केहने मे अच्छा लगता है कि आप चोट से वापस आ रहे हो,और आते संग ही आपको खेलना का मौका मिल गया हो। पर एक समय ऐसा भी लगा कि मे क्यूँ न अपने कैरियर को बदल लूँ। शायद इससे भी अधिक असाधारण यह है कि मेरे पैरो पर अपने करियर के दौरान लगी चार बड़ी चोटों में से यह पहली चोट साबित होगी।
जब मे 19 साल कि हुई तब जाके मेने अपनी प्रो डील साइन कि चेल्सी के साथ और सीधा मुझे लोन मे ब्रिस्टल सिटी भेज दिया गया था। जहाँ मेने खूब फुटबॉल खेला, नए दोस्त बनाए, घर का खाना, मे फुटबॉल को बहुत पसंद कर रही थी। फिर वही चोट के मसले ने मुझे कही दिनों तक बाहर रखा गेम से, फिर वापस मे सही हुई, फिर मुझे चोट लगी और उसे सही होने मे काफी समय लगा। अगर किसी को लगता है फुटबॉल आसान है तो ज़रूर इसे एक बार खेल कर देख ले। पर मेने कभी हार नही मानी अगर मे अपने पहले चोट से रुख जाती तो सायद आज यहाँ आने का मौका नही मिलता।