प्रो कबड्डी लीग के फाइनल मुकाबले में कल पुनेरी पलटन और जयपुर पिंक पैंथर्स के बीच मुकाबला खेला गया जो काफी रोमांचक था. इस महामुकाबले से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि अगर नतीजे किसी एक टीम के पक्ष में नहीं आता है तो तीन नतीजे निकल कर आ सकते थे. यह मुकाबला मुंबई के NSCI स्टेडियम में खेला गया था. इस मुकाबले के तीन नतीजे आने सम्भव थे और फिर उसका निर्णय कैसे होता इसके बारे में हम आपको यहाँ जानकारी देना चाहते हैं.
जयपुर और पुणे के फाइनल मैच का निर्णय कैसे होता?
इस मुकाबले में वैसे तो जयपुर जीत चुका है और उसने प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में दूसरी बार यह खिताब अपने नाम कर लिया है. इससे पहले उसने प्रो कबड्डी लीग के पहले सीजन में यह टूर्नामेंट जीता था. जबकि पुणे के लिए यह पहला मुकाबला था जब वह फाइनल में खेल रही थी. दोनों टीमों ने मैच में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन जीत सिर्फ जयपुर को मिली.
अगर यह मुकाबला टाई हो जाता तो फिर निर्णय कैसे होता. इन सबके बारे में जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में देने वाले हैं.
आपको बता दें अगर यह मैच टाई की स्थिति में पहुंच जाता तो फिर इन दोनों टीमों के मैच का फैसला टाई ब्रेकर के माध्यम से होता. और टाई ब्रेकर के सभी नियम हम आपको यहाँ बताने वाले हैं. अगर टाई ब्रेकर की स्थिति पैदा होती तो दोनों टीमों को 5-5 रेड देने का मौक मिलता. और वहीं इस स्थिति में दोनों ही टीमों को इस दौरान एक टीम की तरफ से सात खिलाड़ियों को खेलना ही पड़ता.
वहीं तीसरी स्थिति यह बनती कि जिस टीम ने मैच में पहली रेड की थी वो ही टीम टाई ब्रेकर मुकाबले में भी सबसे पहले रेड करती. वहीं टाई ब्रेकर के नियम के अनुसार बॉल्क लाइन ही बोनस लाइन के रूप में काम करती.