वो ईरानी शतरंज खिलाड़ी जिन्होंने बिना अनिवार्य हिजाब के अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लिया था
और इसके बाद स्पेन चली गई थी , अब रविवार को उन्होंने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है की
“जब मैं हेडस्कार्फ़ पहनती हूँ तो मैं , मैं नहीं रहती “ | 25 वर्षीय सारा खादेम दिसंबर में बिना हिजाब
के दिखाई दी थी जो की ईरानी कानून के तहत महिलाओं के लिए अनिवार्य है |
महसा अमिनी का किया था समर्थन
अलमाटी , कज़ाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ वर्ल्ड रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में सारा बिना हिजाब के दिखाई दी थी और उनके इस कदम को 22 वर्षीय महसा अमिनी की 16 सितंबर को हुई मौत के बाद से ईरान में जारी विरोध के समर्थन के रूप में ही देखा गया था | बता दे महिलाओं के लिए देश में सख्त ड्रेस कोड के कथित उल्लंघन के आरोप में अमिनी को तेहरान मोरैलिटी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था |
स्पेन में दिया इंटरव्यू
सारा खादेम जनवरी की शुरुआत में अपने 10 महीने के बेटे सैम और पति अर्देशिर अहमदी जो की एक फिल्म निर्देशक है , उनके साथ स्पेन चली गई थी | स्पैनिश अखबार एल पाइस में रविवार को पब्लिश हुए एक इंटरव्यू में खादम ने कहा कि “ अल्माटी में टूर्नामेंट से पहले मैं केवल अगर कैमरे होते तो ही हिजाब पहनती क्यूंकि मैं ईरान का प्रतिनिधित्व कर रही थी |
अपने बेटे के लिए स्पेन गई सारा
सारा ने आगे कहा “ घूँघट के साथ मैं खुद नहीं हूँ म मुझे अच्छा नहीं लगता और इसलिए मैं उस स्थिति को खत्म करना चाहती थी और मैंने इसे अब नहीं पहनने का फैसला किया है | खादिम को उम्मीद है की ईरान में उनके रिश्तेदारों को प्रतिशोध नहीं झेलना पड़ेगा क्यूंकि अगर किसी को उनके कार्यों के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए वो खुद है क्यूंकि ये निर्णय उनका अकेले का था | सारा अपने बेटे के जन्म के बाद ही विदेश जाने के बारे में सोचने लगी थी क्यूंकि वो चाहती थी की उनका बेटा सड़कों पर बाहर बिना चिंता के साथ खेल सके , सैम के बारे में सोचते हुए उन्हें स्पेन सबसे अच्छा विकल्प लगा इसलिए वो यहाँ आ गई |