जर्मनी की नंबर 1 खिलाड़ी Elisabeth Paehtz अब ग्रंड्मास्टर बन गई है , उन्होंने अपना तीसरा GM नॉर्म
रीगा में 2021 में FIDE Chess.com ग्रैंड स्विस के दौरान ही प्राप्त कर लिया था पर फिर उनके एक
पिछले नॉर्म को अमान्य घोषित कर दिया गया था पर अब वो इतिहास की 40वीं महिला ग्रंड्मास्टर बन
गई है , हाल में उन्हें FIDE काउंसिल की बैठक में GM के शीर्षक से सम्मानित किया गया |
एलिज़ाबेथ ने दो नॉर्म पहले ही हासिल कर लिए थे
पिछले साल एलिज़ाबेथ ने रीगा में 7.5/11 के स्कोर के साथ काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था और अपना
तीसरा GM नॉर्म प्राप्त कर लिया था , उन्होंने ऐसा ही सोचा था क्यूंकि 2010-2011 बुंडेसलीगा और
रोमानिया के मामिया में 2016 यूरोपीय महिला व्यक्तिगत चैम्पियनशिप में अपने बेहतर प्रदर्शन से उन्होंने
अपने दो GM नॉर्म पहले ही हासिल कर लिए थे |
एलिज़ाबेथ के GM नॉर्म को अमान्य घोषित कर दिया था
एलिज़ाबेथ के 2016 वाले GM नॉर्म को अमान्य घोषित कर दिया था क्यूंकि उन्होंने मामिया में सिर्फ
दो ग्रंड्मास्टर के विरुद्ध मुकाबला किया था जबकि नॉर्म की आवश्यकता तीन थी | उस टूर्नामेंट के
मुख्य आर्बिटर आशोट वर्दापेट्यान थे जो की काफी अनुभवी है और उन्होंने फिडे हैंडबुक की व्याख्या
के मुताबिक इस GM नॉर्म को Valid घोषित कर दिया था क्यूंकि उसमें लिखा था की ओलंपियाड
और कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप में कम से कम तीन ग्रंड्मास्टर विरोधी होने चाहिए , हालांकि ये स्पष्ट
नहीं था की के केवल टीम इवेंट के बारे में था या फिर व्यक्तिगत टूर्नामेंट के लिए भी था |
नवंबर में लिया गया फैसला
इसी साल 2022 में FIDE ने ओलंपियाड के साथ-साथ चेन्नई में एक बैठक की थी पर पैहत्ज़ के लिए
निर्णय को स्थगित कर दिया था | बाद में पैहत्ज़ ने भी कहा था की एक खिलाड़ी को एक अधिकारी द्वारा
की गई गलती के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए जिसके बाद FIDE उनके साथ सहमत हो गया
था और फिर Jerusalem में 25 नवंबर को हई एक बैठक में ये निर्णय लिया गया था की एलिज़ाबेथ
पेहत्ज़ GM टाइटल की हकदार है |