आज हम आपको उस शतरंज के खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे है जो फुटबॉल के दृष्टिबाधित
खिलाड़ियों के ग्रीक सार्वजनिक शतरंज मेंटर मेन्टर है ,इनका नाम है Elias Mastoras ये अपने
दृष्टिबाधित साथी, स्ट्रैटोस के साथ फुटबॉल खेलते थे और उनके साथ काफी लंबे समय तक रहे
इसलिए स्ट्रैटोस ने मस्तोरस की फ़ुटबॉल की सराहना में एक बड़ी भूमिका निभाई है |
इंटरव्यू में Elias ने बताया अपना किस्सा
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान Elias Mastoras ने कहा की “जब ग्रीक शहर थेसालोनिकी ने
1988 में शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी की थी तो वहा एक छोटा सा बच्चा था जो उस कार्यक्रम
को काफी ध्यान से देख रहा था , उस समय 11 वर्षीय इलियास मस्तोरस को एक स्कूल परियोजना
के लिए शतरंज से परिचित कराया गया था , कास्परोव ,कारपोव और जूडिथ पोलगर भी वहा मौजूद थे ,
मैं उसी निर्दिष्ट क्षेत्र में टुकड़ों को ले जा रहा था |
शतरंज अकेडमी में अभी भी देते है कोचिंग
उन्होंने आगे बताया की “1992 में ग्रीस से मैं शतरंज के कुछ सबसे अच्छे prodigies में से एक था जिन्हें
कक्षाओं के लिए मास्को में ग्रैंडमास्टर स्मिस्लोव के पास ले जाया जाता था , लेकिन बाद में मुझे लगा की
मेरा FIDE मास्टर से ग्रंड्मास्टर तक जानया मुश्किल होगा इसलिए मैंने कोचिंग शुरू कर दी और अभी
भी अपनी ‘Say Chess’ अकादेमी में मैं कोचिंग देता हूँ” , बता दे कुछ समय बाद Mastoras नेत्रहीनों
के लिए ग्रीस के राष्ट्रीय शतरंज कोच बने |
नेत्रहीन लोगों के लिए खेल चुके है चैम्पीयनशिप
साल 1995 में नेत्रहीन फुटबॉल को खेल के रूप में रखने के लिए एक वैश्विक आंदोलन चला था ,
ये एक समावेशी खेल था जिसमें दृष्टि वाले गोलकीपरों के खिलाफ पूरी तरह से नेत्रहीन खिलाड़ी गोल
करते थे | वहाँ Mastoras ने गोलकीपर के रूप काम किया और 1999 में बेलारूस में नेत्रहीन लोगों
के लिए यूरोपीय चैंपियनशिप भी खेली , इसके बाद वो रेफरी भी बने फिर रेफरी के लिए एक co-ordinator
और पिछले साल वो आईबीएसए ब्लाइंड फुटबॉल के अध्यक्ष बने , उन्होंने नेत्रहीन महिला फुटबॉलरों
के लिए भी एक बड़ी भूमिका निभाई है |
भारतीय महिलाएं खेलने जा रही है पहला नेत्रहीन फुटबॉल अंतरराष्ट्रीय मैच
पहली बार अब नेत्रहीन महिला फुटबॉल खिलाड़ी सभी श्रेणियों के साथ राष्ट्रीय टीम बनाने के लिए संयुक्त हैं ,
अगले साल बर्मिंघम में पहली महिला विश्व चैम्पियनशिप होने जा रही है और भारत भी इस इतिहास का
हिस्सा बनेगा | भारतीय महिलाएं शुक्रवार को शुरू हो रही एशियाई चैंपियनशिप में अपना पहला नेत्रहीन
फुटबॉल अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगी और अगले साल वो विश्व चैम्पीयनशिप में अपना डेब्यू करेंगी |