झारखण्ड राज्य में हॉकी का सबसे बड़ा और टॉप प्रशिक्षण केंद्र रांची के मोरहाबादी स्थित
एकलव्य हॉकी सेंटर बदहाली के दौर से गुजर रहा है.
हाल यह है कि यहां प्रशिक्षण ले रहे नेशनल लेवल के
20 लड़कियों और 31 लड़कों के पास ना तो पर्याप्त संसाधन
और ना ही किट है. और तो और खिलाड़ियों को पर्याप्त मात्र में
कैलोरीयुक्ति डायट भी नहीं मिल रहा.
मोरहाबादी में हॉकी प्रशिक्षण केंद्र में नहीं मिल रहा खाना
नेशनल हॉकी प्लेयर अभिषेक कुमार और असीम तिर्की बताते है
कि उन्हें पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन युक्त भोजन नहीं मिल रहा.
यही बात महिला खिलाड़ी अलबेला रानी टोप्पो और दीप्ति कुल्लू भी बताती हैं.
हाल ये है कि सेंटर में बजट के लिहाज से एक खिलाड़ी पर एक
दिन में 175 रुपए खर्च किए जा रहे हैं. जिसमें सुबह के नाश्ते से
रात का डिनर तक शामिल है. जबकि दिल्ली, बेंगलुरु और चंडीगढ़
जैसे राज्यों के सेंटर का मेन्यू चार्ट बजट 450 रुपए है. ऐसे में खिलाड़ी
प्रैक्टिस में जितना पसीना बहाना चाहते हैं उतनी प्रोटीन और कैलोरी
उनके शरीर को नहीं मिल रही है. खिलाड़ियों को सुभ नाश्ते में
महज कुछ दूध दिया जाता है जबकि फल के नाम पर महज एक केला.
ट्रेनिंग के नाम पर बच्चों के साथ हो रही धोखाधड़ी
नियमानुसार खिलाड़ियों को फल में सेब और अनार जैसे दूसरे फल भी देने है.
वहीं खाने में नॉनवेज की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए. लेकिन कम बजट में सबकुछ किसी तरह मैनेज हो रहा है.
एकलव्य हॉकी सेंटर में डायट की कमी के साथ-साथ खिलाड़ी किट
की कमी का भी सामना कर रहे हैं. कई खिलाड़ियों की हॉकी की स्टिक
टूटी है. तो कई के जूते फटे है. जबकि 33 गर्ल्स और 33 बॉयज की
क्षमता वाले इस आवासीय सेंटर में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को किट
और सभी संसाधन उपलब्ध कराना खेल विभाग की जिम्मेदारी है.
लेकिन ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखने वाले नेशनल लेवल के इन
खिलाड़ियों को अपना संसाधन परिवार के भरोसे ही पूरा करना पड़ता है. जो कर्ज से ही पूरा होता है.