भारतीय हॉकी टीम आने वाले विश्वकप के लिए काफी तैयार है. साथ ही इस बार का विश्वकप भारत में ही खेला जाना है. इसकी मेजबानी उड़ीसा राज्य कर रहा है. जिसके दो शहरों में इसके सभी मैच खेले जाने है. उड़ीसा के भुवनेश्वर और राउरकेला में पुरुष हॉकी विश्वकप के लिए सभी मैच खेले जाएंगे. ऐसे में हॉकी इंडिया ने भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों की घोषणा कर दी थी. जिसमें कमान हरमनप्रीत सिंह को सौंपी है. भारतीय टीम के स्टार ड्रैगफ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने अपने प्रदर्शन से दुनियाभर में पहचान बनई है. हरमनप्रीत सिंह को शानदार प्रदर्शन और बेहतरीन डिफेन्स के कारण कई खिताब मिल चुके हैं.
ड्रैगफ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने बचपन में चुनी थी हॉकी
हरमनप्रीत सिंह के बारे में बात करें तो इनका जन्म पंजाब के अमृतसर के जंडियाला गुरु बस्ती में हुआ था. इनका परिवार खेती कर पालन-पोषण करता था. बचपन से ही मुश्किलों का सामना करते आ रहे हरमनप्रीत सिंह ने अपने परिवार का हाथ बटाया और मेहनत-मजदूरी कर घर खर्च में सहयोग दिया.
हरमनप्रीत सिंह का बचपन से ही हॉकी के प्रति लगाव था जिसको देखते हुए उनके पिता ने जालंधर में स्थित सुरजीत हॉकी एकेडमी में उनका दाखिला करा दिया था. हरमनप्रीत सिंह हॉकी जगत के दिग्गज खिलाड़ी जुगराज सिंह को ही अपना आधारश मानते हैं. वह जंग लगी गियर की स्टिक से ही हॉकी खेलने का प्रयास करते थे और काफी संघर्ष किया करते थे. जंग लगी स्टिक से अभ्यास कर करके हरमनप्रीत सिंह के हाथ काफी मजबूत हो गए थे जिससे उनमें ड्रैगफ्लिकर की कला विकसित हुई.
हरमनप्रीत सिंह ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और हर मैच में भारत की जीत के लिए अपना शानदार प्रदर्शन करना जारी रखा था. उन्होंने टोक्यो ओलम्पिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी. ड्रैगफ्लिकर में माहरत हासिल करते वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह की मौजूदगी में भारतीय हॉकी टीम ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा है.
आशा है आने वाले विश्वकप में भी भारतीय टीम के कप्तान ऐसे ही प्रदर्शन कर टीम को दूसरी बार विजय बनाने में कामयाब रहेंगे.