हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की (Hockey India President Dilip Tirkey) ने आधुनिक हॉकी की बदलती आवश्यकताओं को देखते हुए देशभर की हॉकी अकादमियों से ड्रैगफ्लिकर और गोलकीपरों को ‘विशेष कोचिंग’ देने का अनुरोध किया है.
हॉकी इंडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी. दिलीप टिर्की (Dilip Tirkey) ने हॉकी इंडिया की सदस्य इकाइयों को भेजे गए हालिया संदेश में इन दो कौशलों में विशेषज्ञता प्राप्त युवा एथलीटों के प्रतिभा पूल तैयार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
दिलीप टिर्की (Dilip Tirkey) ने कहा, ‘ड्रैग फ्लिकिंग तकनीक आधुनिक हॉकी के सबसे रोमांचक पहलुओं में से एक बन गई है. एक सफल पेनल्टी कॉर्नर की खुशी जिसमें गेंद रक्षकों की दीवार के पार गोली की रफ्तार से भेजी जाती है, हमेशा खेल के सबसे रोमांचक पलों में से एक मानी जाती है.’ ‘इसी तरह, एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और चुस्त गोलकीपर होने का महत्व बढ़ रहा है.
भारत की हालिया सफलता का श्रेय पीआर श्रीजेश और सविता पुनिया
उन्होंने कहा, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत की हालिया सफलता का श्रेय पीआर श्रीजेश और सविता पुनिया को दिया जा सकता है, जिन्होंने अपनी भूमिकाओं को बेहद पेशेवर तरीके से निभाया है.
जूनियर स्तर पर ड्रैग-फ्लिकर और गोलकीपर को अभी भी अपने खेल कौशल में व्यापक सुधार की आवश्यकता है. इसलिए, अकादमियों में इन विषयों में विशेष कोचिंग की आवश्यकता बढ़ रही है.’
उल्लेखनीय है कि हॉकी इंडिया ने इन पहलुओं में प्रतिभा के अपने पूल को बढ़ाने की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए कम उम्र से प्रतिभाओं की खोज की प्रक्रिया शुरू की है. साथ ही उन्होंने हॉकी अकादमियों एवं खेल छात्रावासों के समर्थन से इन एथलीटों के प्रशिक्षण और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के लिये चयन का समर्थन किया है.
हॉकी इंडिया ने बताया कि सदस्य इकाइयों से हॉकी अकादमियों और खेल छात्रावासों में ड्रैगफ्लिकर और गोलकीपर के लिए विशेष कोचिंग शुरू करने का आग्रह किया गया है. इसके लिए लगाए गए कोच इंटर जोनल टूर्नामेंट के दौरान चुनी गई जोनल टीमों को प्रशिक्षण देंगे.
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