भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी का इतिहास काफी पुराना है. इसमें भारत के लिए कईं दिग्गज खिलाड़ी हुए है जिन्होंने भारत का नाम रोशन किया है. और भारत की पहचान हॉकी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाई है. ऐसे में इस खेल के बारे में भारत में कई दिलचस्प किस्से हुए है. जिसमें इतिहास बनते हुए भी देखें है. ऐसे ही अब तक भारतीय हॉकी टीम में कप्तानी करने वाले खिलाड़ी में 22 कप्तान बनाए जा चुके हैं. 21वें कप्तान के रूप में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मनप्रीत सिंह को बनाया गया था.
1968 ओलम्पिक खेलों में बने थे दो कप्तान
ओलम्पिक खेलों के 1968 मैक्सिको सिटी संस्करण में भारतीय पुरुष फील्ड हॉकी टीम के दो संयुक्त कप्तान थे. यह दिलचस्प किस्सा उसी खेलों में हुआ था. गुरबक्स सिंह और पृथ्वीपाल सिंह दोनों मैक्सिको सिटी संस्करण ओलम्पिक में फील्ड हॉकी टीम के संयुक्त कप्तान बनाए गए थे.
टीम के बीच मतभेद तब शुरू हो गया था जब भारतीय हॉकी संघ द्वारा अनुभवी खिलाड़ी पृथ्वीपाल सिंह को ओलम्पिक टीम के लिए देश का कप्तान बनाया गया था. वहीं गुरबक्स सिंह भी कप्तान के लिए उपयुक्त थे. इसलिए टीम का एक खेमा भारतीय टीम के अनुभवी खिलाड़ी पृथ्वीसिंह को कप्तान बनाना चाहता था. तो एक खेमा टीम के शानदार खिलाड़ी गुरबक्स सिंह को कप्तान बनाना चाहता था. इसी वजह से टीम दो भागों में टूट गई थी. और भारतीय हॉकी संघ का यह फैसला टीम के लिए घातक बना था.
विश्वस्तर पर हॉकी के बेहतरीन विकास की वजह से तीन बार के ओलम्पिक चैंपियन भारत को मैक्सिको में हुए 1968 ओलम्पिक में कांस्य पदक मिला था.
टीम के दो खेमों में बंट जाने से टीम के प्रदर्शन पर काफी असर पड़ा था और टीम चैंपियन बनने से रह गई थी. सही समय पर टीम की कमान एक प्लेयर को नहीं सौंपना भारतीय टीम के लिए काफी नुकसानदायक रहा था.