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एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया को तगड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट की ओर ने एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के चुनावों की अधिसूचना पर रोक लगा दी है. इसमें कहा गया है कि जो भी व्यक्ति खेल से सम्बन्धित नहीं है उसे किसी भी राज्य विशेष से मतदाता के रूप में नहीं देखा जाएगा. हाईकोर्ट के पास एक याचिक आई थी जिसकी सुनवाई पर हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कबड्डी चुनाव पर प्रतिबन्ध लगाया
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि जो लोग कबड्डी से जुड़े हुए नहीं है वह मतदान देने के लिए उपयुक्त नहीं है. वहीं जज पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि ऐसा देखा गया है कि इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है. इस अदालत का पहले मानना है कि एक व्यक्ति जो खेल से नहीं जुड़ा हुआ है उसे चुना नहीं जाएगा.
बता दें खिलाड़ियों ने काफी इन्तजार किया है कि वह खेल का हिस्सा बने. वहीं फेडरेशन के लिए चुनाव होना अब सम्भव नहीं होने वाला है. इसी के साथ खिलाड़ियों को अब और इन्तजार करना पड़ेगा. खिलाड़ियों में खेलने के साथ ही चुनाव सम्बन्धित रोक लगा दी गई है. हाईकोर्ट ने एकेएफआई और केंद्र से मनोजम राजन और राजारथिनम द्वारा दायर याचिक का जवाब देने को कहा है. इसकी आगे की सुनावाई को 24 जुलाई की तारीख दी है.
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता सी मोहन राव और वकीन श्रवण कुमार ने किया था. फेडरेशन के वकील ने याचिकाकरता के वकील की दलीलों का विरोध किया था. वहीं कहा था कि 10 फरवरी फैसले दिया था उसका अवलोकन किया जाता है.
वहीं कोर्ट ने सख्त आदेश दिए हैं कि वह चुनाव अब नहीं होंगे. जब तक अदालत ने कहा था कि चुनावों को शासी निकाय के सदस्यों पर आयु और कार्यकाल प्रतिबन्ध सहित उसके निर्देशों के अनुसार अधिसूचित किया जाना चाहिए. इस बात पर जोर देते हुए कि राष्ट्रीय खेल संहिता न केवल मूल निकाय पर लागू होती है.

 
                        