दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच सोजर्ड मारिन
की किताब के विमोचन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
कोर्ट ने कहा की किसी खिलाड़ी की मेडिकल कंडीशन के सम्बन्ध
में कोई निजता नहीं है. पूर्व कोच की पुस्तक विल पॉवर द इनसाइड स्टोरी ऑफ द
इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वीमेंस हॉकी का विमोचन 21 सितम्बर
को होने वाला है. फील्ड हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर ने स्थाई और
दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा मारिन की बुक का मामला
अनिवार्य निषेधाज्ञा के साथ साथ पुस्तक के प्रकाशक हार्पर कॉलिनस
पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसके लेखक सोजर्ड मारिन के
खिलाफ हर्जाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
कोर्ट के समक्ष कौर का मामला यह है कि मारिन ने किताब में
कुछ निजी जानकारी का खुलासा किया है जो उसके साथ
विश्वास के साथ साझा की गई है. जब वह भारतीय हॉकी टीम के कोच थे.
जस्टिस अमित बंसल ने प्रतिवादियों को जवाब देने का मौका दिए बिना
अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा कि कौर ने
इस बात से इनकार नहीं किया कि वह किसी बिमारी से पीड़ित हैं.
अदालत ने कहा कि खेल व्यक्तित्व की मेडिकल कंडीशन के
सम्बन्ध में कोई निजता नहीं हो सकती. नियमित तरीके पर खेल हस्तियों
को चोटों और मेडिकल कंडीशन के बारे में खबरें आती ही हैं.
अदालत में प्रतिवादी के वकील द्वारा सौंपे गए लेखों के संकलन
का सन्दर्भ दिया जा सकता है. पुस्तक की पांडुलिपि में वादी के
प्रशंसीय सन्दर्भ हैं कि वादी ई चिकित्सा स्थिति के बावजूद उसने
अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में सफलता हासिल की है. अतः उपरोक्त सभी
कारणों से पुस्तक के प्रकाशन से वादी को कोई पूर्वाग्रह नहीं हो सकता है.
कोर्ट में किताब के विमाचन पर रोक की लगाई गुहार
इसलिए सुविधा के संतुलन की आवश्यकता है कि पुस्तक के विमोचन
पर कोई विज्ञापन अंतरिम आदेश पारित ना किया जाए. अदालत ने कहा
पीठ ने वर्तमान मुकदमे पर पुस्तक के लेखक और प्रकाशकों को
नोटिस जारी करने और स्थाई और अनिवार्य निषेधाज्ञा के साथ-साथ
नुकसान की राहत की मांग करते हुए मामले को 18 नवम्बर 2022 के लिए सूचीबद्ध किया है.