खेल में जूनून और जज्बा सब कुछ करवा लेता है. चाहे फिर संसाधन की कमी हो या कुछ भी विकट परिस्थिति सब कुछ दूर भाग जाती है. ऐसे ही एक गांव की कहानी है जहां पर हॉकी को लेकर ज्यादा संसाधन उपलब्ध नहीं है लेकिन वहां के बच्चे हॉकी के दीवाने है. बात कर रहें है सुंदरगढ़ जिले के सोनामारा गांव कि तो वहां के बच्चे धुल भरे मैदान में ही हॉकी की प्रैक्टिस करते हैं. राउरकेला शहर से सौर किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव के बच्चों में हॉकी को लेकर काफी जज्बा है.
सोनामारा में युवाओं को मिली सौगात
सोनामारा वो गांव है जहां से हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी दिलीप टिर्की, अमित रोहिदास और महिला टीम की पूर्व कप्तान सुभद्रा प्रधान निकले हैं. बांस के डंडों से खेलकर हॉकी की बारीकियां सीखने वाले ये बच्चे अब एस्ट्रोटर्फ पर खेल सकेंगे. इस गांव ने कई स्टार हॉकी प्लेयर दिए है और अब आगे और भी हॉकी खिलाड़ी निकले इसके लिए यहाँ पर मैदान को सही किया जा रहा है. और यहाँ पर कृत्रिम पिच बिछाई जाएगी.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप ने कहा कि, ‘जब मैं छोटा था तो मेरे गांव में हॉकी का कोई मैदान नहीं था. जहां जगह मिल जाती वहीं हम प्रैक्टिस कर लिया करते थे लेकिन अब मेरे गांव एम् कृत्रिम पिच बिछने वाली है.’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं अपने गांव के बच्चों के लिए बहुत खुश हूँ. मुझे भारतीय हॉकी में मेरे गांव के योगदान देने पर गर्व है. यहाँ बिछने वाली कृत्रिम पिच रेत से भरी होगी जिसकी लागत कम आती है. इंटरनेशनल मैचों की कृत्रिम पिच पर करीब चार करोड़ रुपए लगते हैं. लेकिन इसकी लागत कम होगी.’
उन्होंने आगे बताया कि, ‘उड़ीसा सरकार ने सुंदरगढ़ के 17 ब्लॉक में कृत्रिम पिच बिछाने का काम शुरू कर दिया है. और जल्द ही काम पूरा होने के बाद यहां के युवा और बच्चे जल्द ही इसका लाभ ले पाएंगे.’ सरकारी स्कूल के एक छात्र ने इसके लिए कहा कि, ‘हॉकी हमारी जिन्दगी है और हॉकी हमारे खून में हैं. हम रोज हॉकी खेलते है और हमें भी बड़ा होकर दिलीप टिर्की या अमित की तरह देश के लिए खेलना है.’