Deaf Badminton Championships: थाईलैंड में चल रही छठी एशिया पैसिफिक डेफ बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत को एक और कांस्य पदक प्राप्त हुआ है। इस पदक को गोरखपुर की बैडमिंटन स्टार आदित्या यादव ने सीनियर वर्ग की एकल स्पर्धा में हासिल किया है।
वहीं इसके अलावा युगल वर्ग के फाइनल में आदित्या और जरलीन ने मिलकर मंगलवार को जापान की खिलाड़ियों का सामना किया। जिसमें आदित्या ने देश को एक और स्वर्ण पदक दिला दिया। इससे पहले 12 वर्षीय आदित्या ने युगल वर्ग में स्वर्ण, मिश्रित युगल और एकल स्पर्धा में रजत पदक हासिल कर देश को तीन पदक दिलाए थे। आदित्या के सीनियर वर्ग एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के बाद अब पदकों में भारत की संख्या चार हो गई है।
इसके अलावा शुक्रवार को खेले गए सीनियर वर्ग की एकल स्पर्धा में आदित्या को भारत की ही खिलाड़ी जरलीन ने 21-10, 21-11 अंकों से हराया था और वहीं मिश्रित युगल स्पर्धा में आदित्या और महेश की जोड़ी को भारत के ही अभिनव और जरलीन की जोड़ी ने 21-19, 21-8 और 21-7 अंकों से हारना पड़ा था।
आदित्या की इस कामयाबी से उनके पिता दिग्विजयनाथ यादव काफी खुश हैं। जो पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यालय अधीक्षक के पद पर तैनात हैं और अब 22 सितंबर को आदित्या थाईलैंड से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। उनके पिता ने बताया कि वापसी पर बिटिया का धूमधाम से स्वागत किया जाएगा। क्योंकि उनकी बेटी ने देश का मान बढ़ाया है।
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Deaf Badminton Championships: इससे पहले गौरांशी शर्मा ने भी जीते थे दो कांस्य पदक
मध्य प्रदेश की गौरांशी शर्मा ने भी छठी एशिया प्रशांत बधिर बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे।यह पदक उन्होंने मिश्रित युगल और युगल वर्ग में अंडर -21 युवाओं में जीते थे।
गौरांशी शर्मा के कोच एम विष्णु वर्धन रेड्डी ने कहा कि, ‘गौरांशी बहुत अच्छा कर रही है क्योंकि वह केवल 16 साल की है, लेकिन वह 21 साल से कम उम्र में खेल रही है। वह एक तेज सीखने वाली छात्रा हैं। वह सभी के साथ बहुत समावेशी वातावरण में प्रशिक्षण लेती है और वह एकमात्र दिव्यांग खिलाड़ी है। भले ही वह हमारे साथ सीख रही हैं, लेकिन मैंने उनके लिए सांकेतिक भाषा सीखी है ताकि हम ठीक से संवाद कर सकें। जिसकी वजह से मेरे लिए उन्हें प्रशिक्षित करना आसान हो गया है।’