Davis Cup 2024: आईटीएफ ट्रिब्यूनल (ITF Tribunal) ने एआईटीए (AITA) की इस दलील को खारिज कर दिया है कि उसकी डेविस कप टीम को इस्लामाबाद में विश्व ग्रुप I प्ले-ऑफ मुकाबले के दौरान सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे 60 वर्षों में पहली बार भारतीय टेनिस टीम (Indian Tennis Team) के पाकिस्तान (Pakistan) दौरे का रास्ता साफ हो गया है।
यदि भारतीय टीम पाकिस्तान की यात्रा करने में विफल रहती है तो टाई मेजबान देश को दे दी जाएगी और भारतीय टीम विश्व ग्रुप II में चली जाएगी। आखिरी बार भारतीय डेविस कप टीम ने 1964 में पाकिस्तान का दौरा किया था। जब उसने मेजबान टीम को 4-0 से हराया था।
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के महासचिव अनिल धूपर ने पीटीआई से पुष्टि की है कि आईटीएफ ने उनकी अपील खारिज कर दी है।
धूपर ने पीटीआई से कहा कि, ”मुझे संदेश मिला है कि एआईटीए की अपील को आईटीएफ न्यायाधिकरण ने खारिज कर दिया है। हम सोमवार को खेल मंत्रालय से संपर्क करेंगे और मार्गदर्शन मांगेंगे कि क्या हम टीम भेजेंगे।”
एआईटीए ने हाल ही में 3-4 फरवरी के विश्व ग्रुप I प्ले-ऑफ मुकाबले के लिए पांच सदस्यीय टीम की घोषणा की थी और कहा था कि अगर आईटीएफ उनकी अपील को खारिज कर देता है, तो वह डेविस कप टीम को पाकिस्तान भेजेगा।
तटस्थ स्थल के लिए एआईटीए के अनुरोध को 15 सदस्यीय डेविस कप समिति (डीसीसी) ने खारिज कर दिया और बाद में राष्ट्रीय महासंघ ने आईटीएफ ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया।
पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रिब्यूनल ने कहा कि, “पाकिस्तान में मुकाबला आयोजित करने के डीसीसी के फैसले के ठोस आधार हैं और डेविस कप मुकाबले के लिए डीसीसी द्वारा चुने गए स्थान (देश) का दौरा करना सभी देशों के लिए प्रासंगिक है।”
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Davis Cup 2024: एआईटीए का तर्क था कि भारत के साथ अन्य देशों की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हैं। इसके साथ ही एआईटीए ने यह भी दलील दी थी कि आठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे, इसलिए भारतीय टीम को यात्रा नहीं करनी चाहिए।
डीसीसी ने फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। जहां कोई भारतीय टीम यात्रा नहीं कर सकती और डेविस कप मुकाबले में भाग नहीं ले सकती।
“पाकिस्तान ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण डेविस कप मुकाबलों की सफल मेजबानी की है, इसलिए इस बात का कोई ठोस आधार नहीं है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ मुकाबलों की मेजबानी उचित तरीके से क्यों नहीं कर सकता है।
समिति ने कहा था कि, “कानून और व्यवस्था बनाए रखना मेजबान देश की पूरी जिम्मेदारी है। भारतीय टीम को आश्वस्त रहना चाहिए कि उनकी यात्रा और भागीदारी के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय होंगे।”
भारत के शीर्ष खिलाड़ी सुमित नागल और शशिकुमार मुकुंद मुकाबले से हट गए हैं, जहां जीतने वाली टीम 2024 सीजन के बाकी हिस्सों के लिए विश्व ग्रुप I में अपना रहना सुनिश्चित करेगी।
भारतीय टीम में रामकुमार रामनाथन, एन श्रीराम बालाजी, युकी भांबरी, निकी पूनाचा और साकेत मायनेनी को जगह दी गई है। सितंबर में लखनऊ में भारत के आखिरी डेविस कप टूर्नामेंट में मोरक्को के खिलाफ पदार्पण करने वाले दिग्विजय प्रताप सिंह को टीम में एक रिजर्व खिलाड़ी के रूप में नामित किया गया था।
भारत 2019 में भी पाकिस्तान से पाकिस्तान में भिड़ने के लिए तैयार था, लेकिन तब आईटीएफ ने एआईटीए के अनुरोध पर मुकाबले को कजाखस्तान में स्थानांतरित कर दिया था और भारत 4-0 के जोरदार अंतर से विजेता बना।
पाकिस्तान के शीर्ष खिलाड़ियों ने एआईटीए के उनके देश की यात्रा नहीं करने के फैसले के विरोध में मुकाबले से नाम वापस ले लिया था। पाकिस्तान ने नौसिखिए खिलाड़ियों को मैदान में उतारा जिनका भारत की मजबूत टीम से कोई मुकाबला नहीं था।
