20वीं साड़ी केदो सबसे अच्छे खिलाड़ी और क्रिकेट विश्व कप विजेता अर्जुन रणतुंगा और कपिल देव दोनो एक साथ दिखे गए।
अर्जुन रणतुंगा: श्रीलंका का 1996 का विश्व कप विजेता कप्तान
अर्जुन रणतुंगा श्रीलंका के एक प्रमुख क्रिकेट खिलाड़ी और राजनेता थे। उन्होंने 1988 से 1999 तक श्रीलंका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का कप्तानी किया और उन्हें श्रीलंका क्रिकेट टीम को एक कमजोर टीम से एक प्रतिस्पर्धी और सफल टीम में बदलने का श्रेय दिया जाता है।
रणतुंगा ने 1996 में श्रीलंका को अपने पहले क्रिकेट विश्व कप का खिताब दिलाया। वह विश्व कप फाइनल में अपने अविजित 47 रनों के साथ मैच जीतने वाले खिलाड़ी थे। उनकी नवीन कप्तानी ने एक ऐसी श्रीलंका टीम को, जिसे पहले कम मौका दिया जाता था, क्रिकेट के सर्वोच्च पुरस्कार के लिए ले जाया। उनकी रणनीतियों की प्रशंसा कई क्रिकेट महानों द्वारा की गई और उनके टीमों द्वारा भी अपनाई गईं।
रणतुंगा ने श्रीलंका को 1997 एशिया कप में भी जीत दिलाई, जब उन्होंने भारत को फाइनल में हराकर श्रीलंका का दूसरा एशिया कप खिताब जीता। वह 1997 एशिया कप में सर्वाधिक रन स्कोरर भी थे।
रणतुंगा के नेतृत्व में श्रीलंका ने इंग्लैंड में अपना पहला ऐतिहासिक टेस्ट जीत दर्ज किया और इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट सीरीज भी जीता।
कपिल देव: भारत का 1983 का विश्व कप विजेता कप्तान
कपिल देव एक भारतीय पूर्व क्रिकेटर थे, जिन्हें क्रिकेट के इतिहास के महानतम ऑल-राउंडरों में से एक माना जाता है। उन्होंने तेज़-मध्यम गेंदबाजी और कठोर मध्य क्रम बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया।
देव ने 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तानी किया, जिसने क्रिकेट विश्व कप जीता। वह पहले भारतीय कप्तान थे जिन्होंने विश्व कप जीता। उन्होंने 24 साल की उम्र में विश्व कप जीतकर सबसे कम उम्र के कप्तान का रिकॉर्ड भी बनाया।
1983 विश्व कप में, देव ने कुछ महत्वपूर्ण प्रदर्शन किए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों (5/43) के साथ भारत को जीत दिलाई। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ एक शानदार अर्धशतकीय पारी (175*) खेली, जो उस समय तक का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था।
देव ने 1994 में क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 434 विकेट लिए, जो उस समय का विश्व रिकॉर्ड था। वह पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने 200 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए।