Claressa Shields बनी वोमेन बोक्सर् ऑफ दी ईयर, claressa shields को सवाना को हराने से ही महान बोक्सर् में का दर्जा नही मिला। उन्होंने उससे पहले भी कही बड़े मुकाबले अपने नाम किए है। एक समारोह मे उन्हे बोक्सर् ऑफ दी ईयर से नवाजा गया। जिसकी वे हकदार भी है, तीन बार नाबाद डिविजन चैंपियन का ये साल उनके ज़िन्दगी का सबसे बेहतरीन साल है। जहाँ उन्होंने अपने जीवन के 2 बेहतरीन मुकाबले लड़े है और मल्टी-बेल्ट युग में खेल का पहला तीन बार निर्विवाद चैंपियन बनी।
Sheilds है वोमेन बॉक्सिंग कि GWOAT
उनकी दोनो जीत यूनिटेड किंगडम मे ही आई थी, 5 फरवरी 2016 रियो ओलंपिक में शील्ड्स का दूसरा गोल्ड पदक जीतने के बाद से एमा कोज़िन का दस राउंड के साथ महा मुकाबला अमेरिका के बाहर शील्ड्स की पहली लड़ाई है। WBA/WBC/WBF मिडिल वेघट टाइटल चैंपियनशिप जो kozin के साथ कार्डिफ मे ये मुकाबला तय किया गया। जिसे दो फाइट के रूप मे डाला गया था।
Sheild ने इस मैच को अपने ही अंदाज़ मे खेला जहाँ उन्होंने हर एक राउंड 3 डिजिट स्कोर कार्ड के माध्यम से जीता। इस जीत ने उस समय दो नॉकआउट के साथ उनके रिकॉर्ड को 12-0 तक पहुंचा दिया, सुपर मिडिलवेट, मिडिलवेट, जूनियर मिडिलवेट और अब वापस मिडिलवेट डिवीजन में खिताबी जीत उन्होंने दर्ज की, जिसने उसे हारने के लिए अकेला फाइटर रखा।
2012 मे बले मार्शल ने shields को वर्ल्ड एमेच्योर चैंपियनशिप मे हरा दिया हो, पर उस हार से shields ने बहुत कुछ सीखा और वो इन्हे बाद मे बहुत काम आया जो लंदन मे हुए समर ओलंपिक मे उन्होंने अपनी जगह बनाई रखी थी।
पढ़े : Stevenson कर रहे है अगले साल कि तयारी।
sheild ने उसके बाद दो गोल्ड ओलंपिक मेडल अपने नाम किए, वो ऐसा करने वाली पहली अमरीकी बोक्सर् थी। 2016 में जब उन्होंने अपना प्रो डेब्यू किया तो उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी फ़्रैंचोन क्रू-डेज़ुर्न को बुरी तरह से चित् कर दिया था।
अपने चौती लडाइ मे ही sheilds टाइटललिस्ट बनी, जूनियर मिडलवेट में बाद की दो जीतों में नाबाद पाउंड-फॉर-पाउंड क्वीन दो-डिवीजन निर्विवाद चैंपियन बन गई। लेकिन तब भी उनके मन मे कुछ कमी मेहसूस हो रही थी। वो मार्शल से अपने पुराने जख्म का बदला लेना चाहती थी। जो उन्हे वो मौका मिला पर रानी एलिजिबत के देहात के बाद उन्हे कुछ दिनों और रुखना था। पर उसके बाद जब वो मुकाबला हुआ तो sheilds ने अपना बदला पुरा कर लिया था।