भारतीय हॉकी प्लेयर अभिषेक अपने खेल के जज्बे के कारण टीम में जगह बनाई है. अभिषेक टीम के सबसे शांत और व्यवहार कुशल खिलाड़ी है. और उनका स्वभाव थोड़ा शर्मीला है. उनके इसी व्यवहार के चलते उन पर को विश्वास नहीं कर पाटा कि वह अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है.
हॉकी प्लेयर अभिषेक ने बताई बचपन की घटना
उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान खुद के बारे में खुलकर बात कि जिसमें उन्होएँ अपन बचपन की यादों के बारे में बात की और कहा कि, ‘एक बार बह्यास मैच के दौरान हमारे कोष अभी तक नहीं आए थे तो हमने हमारे मैदान के बगल में एक जामुन का पेड़ था और वहां हम फल तोड़ रहे थे. और वहीं पर मेरा एक एक्सीडेंट हुआ जिसके चलते मेरे हाथ में गहरी चोट लगी थी. जिसके कारण मुझे लगा था कि अब मैं कभी नहीं खेल पाऊंगा. और यहाँ तक कि मी घर वाले भी अब खेलने की इजाजत नहीं देंगे.’
वहीं अभिषेक के बचपन के कोच शमशेर सिंह ने इस घटना को याद करते हुए बताया कि, ‘मैं एक टूर्नामेंट के लिए सीनियर टीम के साथ गया था और जैसे ही मैं वापिस आया तो वह अस्पताल में भर्ती था.’ शमशेर ने कहा कि, ‘वह ऑपरेशन थिएटर में था और मैं उसकी माँ और चाची से मिला था. उस समय उन्होंने उसे नहीं खेलने की हिदायत दी थी. लेकिन उस समय मैंने आश्वासन दिया कि फिर से ऐसा कुछ नहीं होगा और चोटें तो खेल का हिस्सा होती है.’
अभिषेक ने पिछले सीजन में डेब्यू किया था और तभी से वह शानदार खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके खेल में निरंतर ही वृद्धि हो रही है. उन्होंने पिछले सीजन के सभी चार मैचों में प्लेयिंग इलेवन में शानदार प्रदर्शन किया था. उनके कोच ने कहा कि यही से अभिषेक के जीवन का जीवन घुमा था और उनके जीवन में तरक्की मिली थी.