देश में अब स्थानीय और पारम्परिक खेलों की धाक फिर से जम रही है. सरकार
भी इन खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई तरीके के आयोजन कर रही हैं.
ऐसे ही खेलों को आगे बढ़ाने के लिए पहले राजस्थान सरकार ने ग्रामीण ओलिंपिक की शुरुआत की थी.
इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसी तरह के आयोजन का फैसला लिया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया ओलिंपिक करने का फैसला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ ओलिंपिक कराने का फैसला लिया है.
सीएम आवास में राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
छत्तीसगढ़ ओलिंपिक में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कबड्डी, खो-खो से लेकर क्रिकेट
आदि खेलों का आयोजन कराने का प्रस्ताव रखा गया था. जिस पर मुख्यमंत्री
की मोहर लग चुकी है. छत्तीसगढ़ ओलिंपिक में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कबड्डी,
खो-खो जैसी प्रतियोगिताएं होगी और इसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबको
शामिल करने की मुहीम चलाई जाएगी. साथ ही साथ महिलाओं को भी
इसमें शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. खास बात यह है कि
छत्तीसगढ़ ओलिंपिक में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ का निवासी होना जरूरी है.
ओलिंपिक खेल चार स्तरों-ग्राम पंचायत, ब्लाक, जिला और राज्य स्तर पर होंगे.
राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का खेल आयोजन राजधानी रायपुर में होगा.
इन खेलों के आयोजन में तकनीकी सहयता हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण
के खेल प्रशिक्षक, राज्य और जिला खेल संघ के प्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग के
शारीरिक शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा. छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक
खेल-2022 के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेल प्रशिक्षक राष्ट्रीय और
अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयार करेंगे.
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब लेंगे भाग
इन खेलों का आयोजन करने का उद्देश्य पारम्परिक खेलों का विकास करना है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अनेक मौकों पर पारम्परिक खेलों में हाथ
आजमाते नजर आते हैं. मुख्यमंत्री का पारंपरिक खेलों में लगाव इस
तरह से देखने को मिला है कि भेंट मुलाक़ात करते समय उनके कार्यक्रम के
दौरान वे बच्चों के साथ उनके बीच पहुंचकर भौंरा, गुल्ली-डंडा आदि खेल खेलने लग जाते है.