पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन अनातोली कारपोव सोवियत प्रवासी विक्टर कोरचनोई के खिलाफ अपने
क्लासिक मैच की 45वीं वर्षगांठ मनाने के लिए फिलीपींस के राजधानी शहर मनीला में पहुँचे |
1978 की विश्व चैंपियनशिप के दौरान कारपोव जब दुनिया के टॉप रैंक के खिलाड़ी थे तब उन्होंने
दूसरी रैंक के कोरचनोई को बागुईओ सिटी में हराया था | ये मैच इतिहास में अपने तनाव से भरे
मैचअप के लिए प्रसिद्ध है और साथ ही अजीब भी है क्यूंकि दोनों पक्षों में एक दूसरे पर कथित
सम्मोहन और डराने का आरोप लगाया था |
कारपोव ने की फ़िलिपींस की सरहाना
31 जनवरी , बुधवार को रिज़ल मेमोरियल कोलिज़ीयम में एक संक्षिप्त लेक्चर के दौरान कारपोव ने कहा “ 1976 के बाद से मैंने पाँच बार मनीला का दौरा किया है और मैं फिलीपींस का एक बड़ा विकास देख सकता हूं | उन्होंने महाद्वीप में खेल को और बढ़ावा देने के लिए देश को श्रेय भी दिया और कहा “फ़िलिपींस ने विशेष रूप से एशिया में शतरंज के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है |
टोरे ने की पूर्व विश्व चैंपियन से मुलाकात
फिलीपींस में रूसी एम्बेसडर मराट पावलोव के साथ कारपोव का स्वागत देश के शीर्ष स्पोर्ट्स अधिकारियों द्वारा किया गया था जिसमें फिलीपींस खेल आयोग के अध्यक्ष रिचर्ड “डिकी” बाचमैन और आयुक्त ओलिविया “बोंग” कू और वाल्टर टोरेस शामिल थे | एशिया के पहले ग्रैंडमास्टर यूजीन टोरे ने भी उनके साथ मुलाकात की और 1970 के दशक में हुए दोनों के बीच कुछ मुकाबलों को याद किया |
टोरे ने भाषण में कही ये बात
Torre ने याद करते हुए कहा “ व्यक्तिगत रूप से मुझे कारपोव के खिलाफ अपने परिणाम पर बहुत गर्व है, ये देखते हुए की वो विश्व चैंपियन है और वो एक इस तरह के चैंपियन है जिसे हराना बहुत मुश्किल है | बता दे टोरे ने कारपोव के खिलाफ दो जीत, चार हार और पांच ड्रॉ खेले थे | मेराल्को-लोयोला किंग्स चैलेंज में अपने 1976 के मैचअप का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा उस समय ये काफी बड़ी खबर थी क्यूंकि कारपोव तब शायद ही कोई गेम या टूर्नामेंट हारे होंगे |