Chelsea कि जीत से नॉटिंघम फॉरेस्ट ने किया मैच को ड्रॉ, chelsea ने शुरुआत तो अच्छी की लेकिन वो कहते है न कि “आप अपने आगाज़ से नही अंजाम से जाने जाते है “। chelsea वही मार खा गए थे। chelsea ने खेल कि अच्छी शुरुआत कि थी। खेल के 16 वे मिनट मे स्टर्लिंग के गोल ने chelsea को बढ़त दिला दी थी। और वे एक अच्छी स्तिथि पर भी नज़र आ रहे थे। इस मुकाबले कि जीत से chelsea टॉप 4 के स्थान पर आराम से पहुँच सकते थे। पर ऐसा नही हो पाया।
दूसरे हॉफ के खेल मे झुलसी chelsea
जो खेल हॉफ टाइम पहले chelsea ने दिखाया था उसके विपरीत ये दुसरा हॉफ रहा, यही से chelsea ने अपने खेल मे सुधार नही किया। फॉरेस्ट ने दुसरा हॉफ बड़े ही बेहतरीन तरीके से किया जहाँ chelsea बिल्कुल तिलमिलती नज़र आ रही थी, यहाँ तो बिल्कुल समझ नही आ रहा था कि एक हॉफ मे ऐसा क्या बदल गया।
फॉरेस्ट कभी भी गोल करने के कगार पर थे क्यूँकि वो वेस खेल रहे थे। आखरी के 47 मिनट मे chelsea कि टीम मे दरारे दिखना शुरू हो गया था। उनका डिफ़ेंस बिल्कुल बिकरता दिख रहा था। और ऐसा लगने लगा जैसे उनके पास और कोई चारा ही नही बचा है, उन्हे स्ट्रेकर् कि खमी अवश्य खल रही थी। क्यूँकि बाकी कोई ज्यादा असर नही छोड़ पा रहे थे।
पढ़े : जेमी रेडकनाप को फिकर है कि Antonio और डैनियल ल्वी के बीच दरार
और 63 वे मिनट मे वो हो ही गया जिसका सबको अंदाज़ा था, chelsea ने गोल खा ही लिया था । औरियर ने इस गोल को अंजाम दिया था । क्यूँकि तब तक chelsea कि टीम पूरी तरह से मानो बिकर चुकी थी। क्यूँकि chelsea के खिलाडी न तो आगे जा रहे थे और न ही उन्हे आगे जाने का मौका दिया जा रहा था। क्यूँकि आप ज्यादा देर डिफ़ेंस कर बच नही सकते है।
फुटबॉल के खेल मे अटेक ही बेस्ट फॉर्म ऑफ डिफ़ेंस माना जाता है। और खेल के आखरी मिनट तक यही स्कोर लाइन होने के कारण मैच ड्रॉ मे समाप्त हुआ। पर यहाँ जीत नॉटिंघम फॉरेस्ट कि थी। जो 1-0 से पिछड़ कर वापस इस मैच को 1-1 कि बराबरी मे ला खडा किया था।