क्रिकेट के खेल में कई तरह के नियम होते है, जिसमें एक नियम मांकडिंग (Mankading) है, यह नियम पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ था। हाल ही में महिला क्रिकेट टीम की गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने मांकडिंग के जरिए ही बल्लेबाज को आउट करके टीम इंडिया को मैच जिताया था।
शुरू से ही विवादों में रहे इस नियम को अब ICC की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है। यानी कि अब क्रिकेट के खेल में मांकडिंग (Mankading) के जरिए विकेट चटकाना नियम के तहत माना जायेगा।
क्या है मांकडिंग (Mankading)?
इसे नॉन-स्ट्राइकर रन आउट भी कहा जाता है। नॉनस्ट्राइकर्स के छोर पर बल्लेबाज को रन आउट करना ‘मांकडिंग’ कहलाता है। अब यह नियम “रन-आउट” सेक्शन में ट्रांसफर कर दिया गया है।
कई देशों के कप्तान Mankading के समर्थन में नहीं
भले ही ICC ने मांकडिंग को मंजूरी दे दी है, लेकिन कई देशों के कप्तान इस नियम के समर्थन में नहीं है। शुक्रवार को विश्व कप से पहले की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई देशों के कप्तानों ने नॉन-स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाज को रन आउट करने के नियम का समर्थन करने से इनकार कर दिया।
मांकडिंग शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
मांकडिंग (Mankading) को लेकर भारत विवादों के केंद्र में रहा है। इतना ही नहीं यह शब्द एक भारतीय गेंदबाज ‘वीनू मांकड़’ के इर्द-गिर्द गढ़ा गया है, जिन्होंने 1947-48 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सिडनी में बिल ब्राउन को आउट किया था।
अनुभवी भारतीय स्पिनर आर अश्विन नियम के समर्थन में मुखर रहे हैं और एक गैर-स्ट्राइकर को नहीं बख्शने पर आक्रामक रहे हैं। आउट करने के इस तरिके को शुरू से ही स्वीकार किया गया है, लेकिन इसके साथ विवाद भी होता रहा है।
रविवार, 16 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में शुरू होने वाला विश्व कप, ICC का पहला आयोजन होगा जहां संशोधित कानून लागू होगा।
एक पत्रकार ने प्री-टूर्नामेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तानों से कहा कि अगर वे “मांकडिंग” का समर्थन करते हैं तो वे हाथ उठाएं। तो उसमें से पहले समूह के आठ कप्तानों (ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, नामीबिया, नीदरलैंड, श्रीलंका और UAE) ने मांकडिंग का समर्थन नहीं किया।
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