Brighton ने अपने खेल से एवर्टन को हिला दिया मिली 4-1 से हार। brighton ऐसा अध्बुद् खेल जाएगा ऐसा एवर्टन ने इस मैच से तो पहले कभी ऐसा सोचा नही था। ये उनके लिए हार नही उन्हे बुरी तरीके से रौंधा गया है। Brighton के इस प्रदेशनी पर सभी ने तारीफ कि जिस तरह से उन्होंने अपने लिए मौके बनाए और लगभग एक तिहाही मे मैच को समाप्त कर दिया था। जहाँ से एवर्टन को वापसी करना बहुत ही मुश्किल हो गया था।
एवर्टन का जा रहा सबसे खराब समय
एवर्टन के हालत बतत से बत्तर होते जा रहे है जहाँ उन्होंने 10 गेम खेलकर प्रीमियर लीग मे केवल एक ही जीत हासिल कि है। ये एवर्टन का पहले सीजनो से तुलना करे तो ये सीजन बहुत ही बुरा चल रहा है। फ्रैंक लंपर्ड कि टीम ने मैच कि शुरुआत मे ही मानो हार मान ली थी, जो उनके खिलाडियों के प्रदेशन से ही झलक रहा था।Brighton शुरू से हावी होते दिख रहे थे।
और इस दबाव का फल भी उन्हे बहुत जल्दी ही मिल गया था जो 14 वे मिनट मे मिटोमा के द्वारा किए गोल से झलक रहा था। brighton ने 14 वे मिनट मे ही अपनी लीड बना ली थी, और वे खेल मे आगे हो चुके थे। और एवर्टन को जल्द इसका तोड़ खोजना था। पर Brighton भी अपने हमले से पीछे नही हट रहे थे, ऐसा लग रहा था उन्हे प्लांक मे ज्यादा जगह मिल रही थी। जिस कारण से वे खेल को ज्यादा अच्छे से चला पा रहे थे।
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एवर्टन ने अपने बिल्ड-अप प्ले के साथ उत्साहजनक संकेत दिए तो पर वो आखरी तिहाही मे बार बार फस्ते जा रहे थे। और हॉफ टाइम का समय भी निकट आता जा रहा था, जो एवर्टन के लिए अच्छी खबर नही थी। क्यूँकि उन्हे किसी भी हाल मे जीत कि सक्त ज़रूरत थी पर कही से भी ऐसा होता नज़र नही आ रहा था। हॉफ टाइम के बाद तो brighton ने तो और आक्रामक रूप अपना लिया था।
ई फर्ग्यूसन ने 51 वे मिनट मे brighton के लिए दुसरा गोल किया। पर सायद ये अंत नही था उसी के पीछे मार्च ने 54 ने गोल कर लीड बड़ा दी और 57 वे मिनट मे ग्रोब ने अपने खाते मे भी गोल जोड़ लिया। इतने गोल खाने के बाद तो एवर्टन तो खेल से बाहर हो गया था। और आखिर ने 90 मिनट मे उन्हे एक पेनाल्टी मिली जिसे ग्राय ने दागा पर उसका कोई मतलब नही था।