ईरान में आयोजित हुई दूसरी जूनियर वर्ल्ड कबड्डी चैंपियनशिप में भारतीय कबड्डी टीम ने खिताब अपने नाम किया है. इस टीम में बोकारो के सागर का भारतीय कबड्डी टीम में भी चयन हुआ था. उन्होंने भारतीय टीम को खिताब दिलाने में अहम योगदान दिया है. इससे बोकारो ही नहीं पूरा झारखण्ड राज्य उन पर गर्व महसूस कर रहा है.
सागर ने पूरे टूर्नामेंट में दिखाया दम, लहराया परचम
भारतीय कबड्डी टीम में चयन होने के बाद बोकारो के प्रतिभावान कबड्डी खिलाड़ी सागर कुमार ने ईरान में शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. भारतीय कबड्डी टीम ने ईरान टीम को प्रतियोगिता के फाइनल में हराया था. इस फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने 41-33 के अंतर से भारत ने जीत दर्ज की थी. भारतीय टीम की शानदार जीत के बाद बोकारो के एनी कबड्डी खिलाड़ियों में भी हर्ष की लहर है.
जूनियर भारतीय कबड्डी टीम में सागर कुमार की जगह बनने के बाद बोकारो के अन्य खिलाड़ी भी बेहतर प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करना चाह रहे हैं. सागर ने भारतीय टीम की जीत के बाद बताया कि, ‘उनका अगला सीनियर भारतीय कबड्डी टीम में जगह बनाकर अपना बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हैं.’ सागर ने आगे बताया कि उन्होंने साल 2015 से बोकारो के सेक्टर 8 क्लब मैदान से अपने खेल की शुरुआत की थी. उसने अपने कोच तेजनारायण प्रसाद के माध्यम से जिला और राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया था.
सागर ने आगे बताया कि साल 2018 में जूनियर नेशनल कबड्डी में गोल्ड मेडल हासिल किया था. उसके ऑलराउंडर प्रदर्शन के कारण टीम को काफी मजबूती मिल थी. वहीं साल 2020 में रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था. इससे पहले सागर का चयन प्रो कबड्डी लीग में हुआ था. वहीं सागर अपने प्रदर्शन के लिए सारा श्रेय कबड्डी टीम के राष्ट्रीय कोच तेजनारायण प्रसाद समेत अपने पिता और माता को देता है. इनके पिता बिपिन कुमार सिंह कबड्डी फेडरेशन ऑफ झारखण्ड के महासचिव भी हैं.