15वें हॉकी पुरुष विश्वकप का आगाज हो चुका है. इस आयोजन उड़ीसा के राउरकेला और भुवनेश्वर में किया जा रहा है. वहीं राउरकेला में नवनिर्मित बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम में पहली बार हॉकी विश्वकप का आयोजन किया जा रहा है. इस स्टेडियम में एक और नए पेशकश करते हुए दिव्यांग जनों के लिए विशेष सुविधाएं और बैठने के लिए विशेष सीटें बनाई गई है ताकि वे बिना किसी परेशानी के लिए मैच का आनंद ले सकते हैं.’
दिव्यांग जनों को भी स्टेडियम में मिला स्थान
अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने हाल ही के दिनों में इसे बैठने की क्षमता के हिसाब से सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम घोषित किया है. इसका नाम महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर रखा गया है. उड़ीसा के खेल सचिव आर विनीत कृष्णा ने कहा कि, ‘दिव्यांग हॉकी फैन्स के लिए इसमें इंतजाम किये गए हैं. अनुकूल बनाने के लिए इस पर रैंप की सुविधा भी दी गई है. दिव्यांग व्यक्ति किसी भी गेट से स्टेडियम में प्रवेश कर सकते है ऐसी सुविधा भी इसमें प्रदान की गई है.’
उन्होंने आगे कहा है कि, ‘हमने हर ओर से उनके लिए सुविधा प्रदान की गई है. स्टेडियम में उनके लिए लगभग 100 सीटें आवंटित भी की गई है. साथ ही दिव्यांग जनों को कोई परेशानी नहीं आए इसके लिए पूरा ध्यान रखा गया है. साथ ही सीटों के डिजाईन भी उनके बैठने के अनुकूल ही बनाई है. जिससे उनको कोई परेशानी नहीं हो सकती है.’
बता दें बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम में 21000 से ज्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है. इसके चलते इसे दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम घोषित किया गया है. यहाँ पर 200 से ज्यादा कमरें बने हुए है. और सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से बने हुए है. जिसके चलते ना खिलाड़ियों को और ना ही उनके साथ आने वाले टीम के सदस्यों को यहां रहने में कोई दिक्कत आने वाली है.
उड़ीसा सरकार द्वारा बनें इस स्टेडियम में वर्ल्डकप गांव का प्रबंध किया गया है. बता दें भारत ने वर्ल्डकप का पहला मैच स्पेन के खिलाफ यहीं खेला था. जिसमें उसने स्पेन को 2-0 से हराकर जीत दर्ज की थी. अब उसे अगला मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेलना है.