Asian Games 2022: मणिपुर, भारत का वह राज्य है जहां फुटबॉल के प्रति गहरा जुनून है। इसलिए बिचू देवी खारीबाम (Bichu Devi) के दिल में भी फुटबॉल के प्रति एक बड़ी ख्वाहिश थी। लेकिन कभी-कभी जीवन का मोड़ हमारी सोच से अलग होता है।
बिचू ने बताया, “मेरे पिता ने मुझे हॉकी खेलने का सुझाव दिया, क्योंकि मेरे पास फुटबॉल खेलने के लिए जगह नहीं थी। वे मुझसे कहते थे कि अगर मुझे हॉकी पसंद नहीं है, तो यह ठीक है, लेकिन फुटबॉल टीम में जगह नहीं है।”
फुटबॉल के सपने को होकी के सपनों से बदलना मुश्किल था, लेकिन बिचू ने इस चुनौती को स्वागत किया। “मैंने हॉकी खेलने का साहस किया, और इसके साथ ही मेरे दिल में फुटबॉल के प्रति अपना प्यार बरकरार रखा। मैं एक स्ट्राइकर के रूप में खेलती थी, लेकिन एक कोच ने मुझे गोलकीपिंग करने की सलाह दी और उसने मेरी ऊंचाई और चपलता देखा। शुरुआत में इसे स्वीकार करना मुश्किल था, लेकिन धीरे-धीरे मैंने इसे अपनाया और यह मेरा करियर बन गया।”
भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बनने का सपना पूरा किया
इस बदलाव ने उसके जीवन को एक नई दिशा में ले जाया। बिचू (Bichu Devi) ने 2022 में हांगझू एशियाई खेलों (Asian Games 2022) के लिए भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बनने का सपना पूरा किया।
उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए एक सपने की तरह है कि मैं 19वें एशियाई खेलों के लिए हांगझू जा रही हूं। इस यात्रा में लगे वर्षों के संघर्ष और प्रयास का फल है। अब हम अपने देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं।”
बिचू ने भारतीय हॉकी की तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा, “हम हर दिन अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य स्वर्ण पदक हांगझू लाना है, और हम खुद को तैयार कर रहे हैं इसकी दिशा में।”
इस सफलता की दिशा में बढ़ती हुई, बिचू अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण चरण के लिए तैयार हैं, और वह सपने को हकीकत में बदलने के लिए तैयार हैं।