भारत ने अपने राष्ट्रीय खेल हॉकी में अपना परचम बने अहा है.
चाहे अभी हाल ही मेखेले गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी शिकस्त मिली हो.
लेकिन 19 के दशक में भारत का हॉकी में दबदबा काफी था.
हॉकी के रोचक तथ्य
मेजर ध्यान चंद, बलबीर सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ी उस समय टीम में थे जो ओलिंपिक में किसी भी टीम को धुल चटाने का माद्दा रखते थे.
भारत पहला ऐसा गैर यूरोपियन देश था जो अंतराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन में शामिल हुआ था.
साथ ही 1932 भारत ही पहला ऐसा देश था जिसने सबसे ज्यादा विदेशी यात्रा कर अलग-अलग देशों में मैच खेले थे.
साथ ही भारत ही पहला ऐसा देश है जिसने लगातार 30 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया था.
वेस्टर कप भारत में प्रचलित सबसे पुराना कप है जो 1895 से आयोजित होता आ रहा है.
यहाँ तक कि इसे वर्ल्ड कप भी नहीं प्रभावित नहीं कर सका है.
हॉकी का ओलिंपिक में विजय सफर
ओलिंपिक में भारत ने सबसे ज्यादा आठ गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड बना रखा है. हालांकि पाकिस्तान ने भी इस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है.
धनराज पिल्लै एकमात्र ऐसे भारतीय हॉकी खिलाड़ी है.
जिन्होंने तीन ओलिंपिक गेम्स, तीन वर्ल्ड कप और चार एशियाई खेलों में भाग लिया है.
वहीं हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह ने ओलिंपिक के फाइनल मुकाबले में सबसे ज्यादा गोल करने का गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना रखा है.
हॉकी में भारत के रिकॉर्ड
इतना ही नहीं भारतीय हॉकी टीम ने सबसे ज्यादा अंतर से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया हुआ है.
यह रिकॉर्ड USA के खिलाफ 1932 में बना था. जिसमें 24-1 से भारत ने जीत दर्ज की थी.
भारतीय हॉकी का प्रदर्शन वर्ल्ड कप में काफी निराशाजनक रहा है.
साल 1971 से लेकर अभी तक भारत ने हॉकी वर्ल्डकप में सिर्फ एक बार 1975 में विश्वकप को अपने नाम किया है.
बताते चलें कि एक समय था जब हॉकी में भारत की बादशाहत कायम थी.
लेकिन फिलहाल ऑस्ट्रेलिया ने उस पर कब्जा किया हुआ है.