भारत में हॉकी के खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा भी हासिल है.
हॉकी के चलते भारत में ऐसे-ऐसे प्लेयर हुए है जिनके नाम दुनियाभर में मशहूर है. इनमें से मेजर ध्यानचंद को कौन नहीं जानता हैं.
भारतीय हॉकी के मशहूर खिलाड़ी
मेजर ध्यानचंद को तो हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है. वो जब मैदान में होते थे तो ऐसा लगता था मानो हॉकी स्टिक और उसकी गेंद को चिपका कर चल रहे हों.
उनके नेतृत्व में टीम ने तीन ओलिंपिक स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे.
हाल ही में भारत सरकार ने उनके सम्मान में राजीव गाँधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न किया है.
वहीं बात करें बलबीर सिंह की तो उन्होंने ओलिंपिक फाइनल के मुकाबले में एक ही मैच में पांच गोल दागे.
उन्होंने यह अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर रखा है.
यह मैच नीदरलैंड के खिलाफ था.
बलबीर सिंह
इतना ही नहीं उनकी कप्तानी में भारत ने एशियाई खेलों में रजत पदक भी हासिल किया था.
वहीं धनराज पिल्लै की बात करें तो उन्हें आधुनिक हॉकी का महान खिलाड़ी माना जाता है.
उनके नेतृत्व में 1998 के एशियाई खेल और 2003 के एशिया कप को जीता था.
उधम सिंह भी भारतीय हॉकी में अपना विशिष्ट स्थान रखते है.
उनके टीम में रहते हुए भारतीय हॉकी ने रजत पदक अपने नाम किया था.
उनके नेतृत्व में 1968 ओलिंपिक और 1970 एशियाई खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था.
इतना ही नहीं रिटायरमेंट के बाद भी वह भारतीय हॉकी टीम से जुड़े रहें.
उन्होंने मैनेजर के तौर पर टीम का साथ दिया और अनेक महत्वपूर्ण मैचों में अपनी भागिदारिन निभाई.
लेस्ली क्लॉडियस भी भारतीय हॉकी के इतिहास में एक विशेष स्थान रखते हैं.
इनके नाम एक विशेष रिकॉर्ड भी है.
जिसमें यह है कि उन्होंने लगातार चार बार ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
लेस्ली ने अपनी करियर में एक रजत और तीन स्वर्ण पदक भी अपने नाम कर रखे हैं.
इतना ही नहीं हॉकी से रिटायरमेंट लेने के बाद भी उन्होंने हॉकी के साथ जुड़े रहकर भारतीय टीम में अपनी सेवाएं दी थी.