बेटन कप का नाम हॉकी की दुनिया में काफी ऊंचा है. हॉकी के सबसे पुराने टूर्नामेंट में से एक बेटन कप को आज भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में जाना जाता है. साल 1895 में इस कप की शुरुआत की गई थी. यह टूर्नामेंट देश के सबसे माने हुए टूर्नामेंट में से एक हैं. इस टूर्नामेंट का आयोजन हर वर्ष कोलकाता में होता है. इस टूर्नामेंट में भारत के शीर्ष क्लब और अन्य टीमों की हिस्सेदारी होती है.
बेटन कप का इतिहास और इसका उल्लेख
बेटन कप के अभी तक 124 सीजन आयोजित किए जा चुके हैं. पिछली बार इसका आयोजन साल 2022 में दिसम्बर में किया गया था. जिसे भारतीय नौसेना ने जीता था. इसी के साथ उन्होंने इतिहास रचते हुए पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया था. बता दें बेटन कप के इतिहास में सबसे ज्यादा बार इस कप को मोहन बागान की टीम ने जीता है. इसी के साथ वह टीम बेटन कप के इतिहास में सबसे सफल टीम रही है.
बता दें इस टूर्नामेंट का आयोजन साल 1905 में कलकत्ता लीग ने जिम्मेदारी की थी. इससे पहले यह जिम्मेदारी भारतीय फुटबॉल संघ द्वारा ली जाती थी. इस टूर्नामेंट के वर्तमान हॉकी बंगाल द्वारा किया जाता हैं. बंगाल हॉकी द्वारा ही इस कप को शानदार तरीके से आयोजित किया जाता हैं. बेटन कप कोलकाता के मैदान में प्राकृतिक घास के ऊपर ही खेला जाता था. बीते कुछ सालों से भारतीय खेल प्राधिकरण ने मुख्य खेल स्थल बन गया है. अब साईं में मैच सिंथेटिक टर्फ पर ही खेले जाते हैं.
भारत के दिग्गज खिलाड़ी ध्यानचंद, लेस्ली, केशव दत्त और अन्य कई खिलाड़ी इसमें भाग ले चुके हैं. ये वह सितारें रह हैं जिन्होंने कई सालों तक बेटन कप में हिस्सा लिया है. दिग्गज खिलाड़ी ध्यानचंद ने अपनी लिखी आत्मकथा में भी इस कप का उल्लेख किया है. ना सिर्फ उल्लेख किया है बल्कि इसकी सराहना भी की है. उन्होंने लिखा है कि यह कप भारतीय हॉकी में विशेष स्थान रखता है.