बेहतरीन फुटबॉल प्लेयर्स जिन्होंने कभी बैलोन डी ओर नही जीता। फुटबॉल का सबसे प्रसिद्ध अवार्ड बैलोन डी ओर को माना जाता है। इसे कही खिलाडियों ने जीता है रोनाल्डो से लेकर मेस्सी तक। इस अवार्ड की जब शुरुआत की गई थी, इसे सिर्फ यूरोप के खिलाडियों तक ही सीमित किया गया था। लेकिन इस अवार्ड की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर इस अवार्ड को अन्य देश के खिलाडियों के नामो को भी जोड़ा जाने लगा। जिसकी शुरुआत 1950 से की गई थी।
जो भी प्रीमियर लीग और घरेलू लीग मे बेहतरीन प्रदर्शन करते है उन्हे ये पुरुस्कार दिया जाता है। जिसे पत्रकारों और पुराने फुटबॉल प्लेयर और लोगो की वोटिंग के साथ ही विजेता की घोषणा की जाती है। ये बैलोन डी ओर एक फुटबॉल खिलाडी के लिए बहुत ही मायने रखता है, जो एक खिलाडी की लेगासी को बताता है और उसने अपने करियर मे कितने बैलोन डी ओर जीते है। ये अवार्ड खिलाडी को और भी गौरांवित भी करता है, लेकिन आज हम अवार्ड जीतने वालो के बारे मे नही बल्कि खेल मे सबसे बेहतरीन होने पर भी ये अवार्ड लेने मे कभी कामयाब नही हो पाए।
1. फेरेंक पुस्कस
फीफा ने पूरे अवार्ड्स का नाम फेरेंक पुस्कस के नाम पर रखा, लेकिन कभी भी उन्हें अपने बैलन डी’ओर से सम्मानित करना उचित नहीं समझा। पुस्कस पुरस्कार उस खिलाड़ी को दिया जाता है जो सीज़न का सबसे अच्छे रूप से मनभावन गोल करता है।पुस्कस रियल मैड्रिड के दिग्गज खिलाड़ी हैं, जो 1960 में बैलन डी’ओर रेस में दूसरे स्थान पर रहे थे और अपनी तमाम प्रतिभा और कौशल के बावजूद केवल एक बार शीर्ष तीन में पहुंचे थे।
हालाँकि, ऐसा ज्यादातर इस तथ्य के कारण था कि उनके मैड्रिड टीम के साथी अल्फ्रेडो डि स्टेफ़ानो ही थे जिन्हें अक्सर सबसे अधिक ध्यान और प्रशंसा मिली।उन्होंने हंगरी और स्पेन में खेले गए 530 खेलों में 514 गोल किए। पुस्कस 1952 में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाली हंगेरियन टीम के भी एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। राष्ट्रीय टीम के लिए 85 मैचों में उनके नाम 84 गोल हैं।
2. एरिक कैंटोना
कॉलर-स्पोर्टिंग मैनचेस्टर यूनाइटेड आइकन एरिक कैंटोना बैलन डी’ओर गौरव के सबसे करीब 1993 में रॉबर्टो बैगियो और डेनिस बर्गकैंप के बाद तीसरे स्थान पर थे। यही वह वर्ष था जब कैंटोना ने यूनाइटेड को नए प्रारूप में डिवीजन के पहले वर्ष में अपना पहला प्रीमियर लीग खिताब दिलाने के लिए प्रेरित किया था, और आने वाले दो दशकों तक वे डिवीजन पर बड़े पैमाने पर हावी रहे। फ्रेंचमैन ने कुल मिलाकर चार प्रीमियर लीग खिताब जीते, साथ ही ओल्ड ट्रैफर्ड में हजारों दिल भी जीते। लेकिन अपने प्लाईंग करियर के अंत तक वो बैलन डी’ओर नही जीत पाए, एक बेहतरीन खिलाडी होने के कारण भी वे इस पुरुस्कार से वंचित ही रह गए।
3. केनी डाल्ग्लिश
लिवरपूल और स्कॉटलैंड के दिग्गज केनी डाल्ग्लिश बैलन डी’ओर जीतने के सबसे करीब 1983 में दूसरे स्थान पर रहे थे। 1980 के दशक में अंग्रेजी फुटबॉल पर हावी लिवरपूल टीम में ‘किंग केनी’ सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक थे।उन्हें 1983 में पीएफए प्लेयर्स प्लेयर ऑफ द ईयर और एफडब्ल्यूए फुटबॉलर ऑफ द ईयर नामित किया गया था।
डाल्ग्लिश 1985 में लिवरपूल के प्लेयर मैनेजर बन गए और उन्हें तीन इंग्लिश फर्स्ट डिवीजन खिताब जिताए। लिवरपूल के साथ अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तीन यूरोपीय कप भी जीते।डाल्ग्लिश के चांदी के बर्तन संग्रह में चार स्कॉटिश डिवीजन वन खिताब भी हैं। वह बैलन डी’ओर कभी नहीं जीतने वाले महानतम खिलाडी रहे हैं।
4. एन्ड्रेस इनिएस्ता
आंद्रेस इनिएस्ता सर्वकालिक महानतम मिडफील्डरों में से एक हैं। फुर्तीले पैरों वाला यह स्पेनिश दिग्गज फुटबॉल पिच पर कविता की तरह गति कर रहा था। उन्होंने गजल की कृपा से डिफेंडरों को चकमा दिया, घुमाया और छकाया और क्लब और देश दोनों के लिए एक शानदार करियर का आनंद लिया।2008 और 2012 के बीच अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल पर हावी रहने वाली स्पेनिश टीम में इनिएस्ता यकीनन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे। उन्होंने 2010 फीफा विश्व कप जीता।
यहां तक कि नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में विजयी गोल भी किया और यूरो 2008 और 2012 में स्पेन को गौरवान्वित किया।इनिएस्ता 2010 में बैलन डी’ओर जीतने के करीब पहुंचे लेकिन उन्हें अपने बार्सिलोना टीम के साथी लियोनेल मेस्सी से हारकर दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। उन दिनों मेस्सी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही थी और हम सभी जानते है कि बैलन डी’ओर का चुनाव पब्लिक वोटिंग से भी किया जाता है जहाँ मेस्सी बाज़ी मार गए थे।
5. डेनिस बर्गकैंप
1992 में तीसरा और 1993 में दूसरा, शायद 1994 में डेनिस बर्गकैंप के लिए बैलोन डी’ओर जीतने का मंच तैयार हो गया था, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका में विश्व कप के क्वार्टर फाइनल चरण में नीदरलैंड शायद ब्राजील के हाथों हार गया। उसकी सम्भावनाओं को ख़त्म कर दी थी। एक साल बाद डचमैन के आर्सेनल में जाने से उन्हें पूरी तरह से नए दर्शकों से परिचित कराया गया।
लेकिन तीन प्रीमियर लीग खिताब और चार एफए कप के बावजूद वह कभी भी व्यक्तिगत गौरव हासिल नहीं कर पाए। उन्होंने कहाँ है उनका सबसे पहला टार्गेट था, की टीम के लिए अपना पुरा योगदान दिया जाए बाकी चीज़े बाद मे देखी जाएगी पर उन्होंने इसके लिए अपना दुख जताया है कि वे वो उसे जीतने के बहुत ही खरीब थे। लेकिन अहम मौके पर सब कुछ बदल गया।
6. पॉल माल्डिनी
पाओलो मालदिनी एक आदर्श रक्षक के सबसे करीब हैं जिन्हें हमने देखा है। एसी मिलान आइकन अब तक के सर्वश्रेष्ठ इटालियन लोगों में से एक है, जिन्होंने एक जोड़ी क्लीट्स खींची है। वह एक क्लब के खिलाड़ी थे जिन्होंने एसी मिलान में 25 सीज़न बिताए और कुल 25 ट्रॉफियां जीतीं।उन्होंने पांच यूरोपीय कप और चैंपियंस लीग खिताब और सात सीरी ए खिताब जीते।
माल्डिनी ने अपने कार्यकाल के दौरान फ्रेंको बरेसी के साथ अब तक की सबसे बड़ी रक्षात्मक साझेदारियों में से एक बनाई, इस जोड़ी ने 1992-93 सीरी ए सीज़न में केवल 21 गोल किए थे।उनकी महानता और निरंतरता का प्रमाण इस तथ्य से मिलता है कि उन्होंने 39 साल की उम्र में यूईएफए क्लब फुटबॉल अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर की ट्रॉफी जीती। मालदिनी दुनिया भर के युवाओं को प्रेरित करते रहे हैं।इटालियन लीजेंड सबसे महान डिफेंडर हो सकता है जो बैलन डी’ओर के आसपास कभी नहीं पहुंच पाया। 2003 में बैलन डी’ओर की दौड़ में वह तीसरे स्थान पर रहे।
7. फ्रेंको बेरेसी
फ्रेंको बारेसी एसी मिलान और इटली के रक्षात्मक दिग्गज थे जो महान यूरोपीय टीमों में से एक की रीढ़ की हड्डी थे। एक-क्लब का सदस्य, वह 1989 बैलोन डी’ओर के लिए मतदान में मिलान टीम के साथी मार्को वैन बास्टेन के बाद दूसरे स्थान पर आया, जिस वर्ष उसने अपने तीन यूरोपीय कपों में से पहले मिलान के लिए कप्तानी की थी। उन्होंने छह सीरी ए खिताब और 1982 विश्व कप भी अच्छे पैमाने पर जीता। वे भी इस बड़े awarअवार्ड को जीतने नाकाम रहे, लेकिन उन्हे इस बात की कोई परवाह नही है।