इंग्लैंड के ग्रीनविच में रहने वाले किशोर श्रेयस रॉयल इस वक्त Bavarian Open में प्रतिस्पर्धा कर
रहे है और लीड में भी है , उनके पास सबसे कम उम्र के इंग्लिश ग्रंड्मास्टर बनने का एक सुनहेरा
मौका है , 25वीं ओपन इंटरनेशनल बवेरियन चैंपियनशिप में खेलते हुए उन्होंने अब तक अपने पाँचों
मैच जीते है और छठे राउंड में एल्ताज सफरली के खिलाफ ड्रॉ किया है |
अपने परिवार के साथ इंग्लैंड आए थे श्रेयस
श्रेयस 3 वर्ष की उम्र में अपने परिवार के साथ भारत से इंग्लैंड आए थे , उनके पिता जो की आईटी सेक्टर में काम कर रहे थे , पाँच साल का वीज़ा हासिल करने में कामयाब रहे उस दौरान श्रेयस ने अपनी शतरंज की स्किलस में महारत हासिल कर ली | वो इंग्लिश U7 चैंपियन, ब्रिटिश U8 चैंपियन, और U8 यूरोपीय चैंपियन बनने में भी सफल रहे पर उसके बाद वीज़ा समाप्त हो गया और मामला कानूनी विवाद में समाप्त हो गया लेकिन उनके टैलेंट को देखते हुए ह सचिव साजिद जाविद ने हस्तक्षेप करते हुए ये सुनिश्चित किया की प्रतिभाशाली श्रेयस रॉयल के परिवार को इंग्लैंड में रहने की अनुमति दी जाए |
शुक्रवार को खेले जाएंगे टूर्नामेंट के अंतिम राउंड
जब श्रेयस 13 वर्ष के हुए तो Tegernsee में हुआ शतरंज का एक टूर्नामेंट उनके विश्व चैम्पीयन बनने और गैरी कास्परोव के रिकॉर्ड तोड़ने के सपने के लिए एक शुरुआत बन गया | बवेरियन ओपन के आखरी 3 राउंड आने वाले शुक्रवार को खेले जाएंगे अगर श्रेयस ने 6.5/9 या उससे अधिक स्कोर बना लिया तो वो उनके पहले ग्रंड्मास्टर परिणाम के लिए पर्याप्त होगा |
श्रेयस के लिए होगी ये दुर्लभ उपलब्धि
अगर वो इसे हासिल कर लेते है तो 13 वर्ष की उम्र के बच्चे के लिए ये काफी दुर्लभ उपलब्धि होगी , जो प्लेयर्स 15 वर्ष की उम्र से पहले ग्रंड्मास्टर बने है उस लिस्ट में 40 खिलाड़ी शामिल है , अब तक सबसे कम उम्र के इंग्लिश ग्रंड्मास्टर है डेविड हॉवेल जिहोने 2007 जनवरी में 16 वर्ष की उम्र में ग्रंड्मास्टर का टाइटल हासिल किया था अब देखना ये होगा की श्रेयस उनका रिकार्ड तोड़ते हुए सबसे कम उम्र के इंग्लिश ग्रंड्मास्टर बनते है या नहीं |