Indian Women Players : पुसरला वेंकट सिंधु (पी.वी. सिंधु) वह ओलंपिक बैडमिंटन फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय हैं। पीवी सिंधु ने ओलंपिक बैडमिंटन फाइनल में प्रवेश करते ही भारतीय बैडमिंटन के लिए इतिहास रच दिया। यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व का क्षण है।
कुल मिलाकर ये ओलंपिक खेल भारतीय एथलीटों के लिए काफी निराशाजनक रहे हैं। उन्हें अपने नुकसान के लिए बिल्कुल भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। हमारे एथलीटों को वहां जाने, प्रतिस्पर्धा करने और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ को हराने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए कोई उचित सुविधाएं, संसाधन या सलाहकार नहीं हैं। लेकिन इनमें से कोई भी हमारे एथलीटों के लिए उपलब्ध नहीं था। दुर्भाग्य से अभी भारत में एथलीटों की यही स्थिति है।
Indian Women Players : लेकिन सभी बाधाओं को धता बताते हुए 21 वर्षीय सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया। अपने पहले ओलंपिक में सिंधु ने फाइनल में प्रवेश कर लिया है। पिछले दौर में चीनी ताइपे की ताई त्ज़ु यिंग और चीन की वांग यिहान की कड़ी चुनौती को पार करने के बाद – सीधे गेम में जीत – हैदराबाद की भारतीय शटलर अब स्वर्ण पदक जीत सकती है। उसने निश्चित रूप से अपनी ऐतिहासिक जीत से भारत को गौरवान्वित किया है। आशा है कि वह भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेगी।
उनकी जीत एक और वजह से खास थी। भारतीयों को साइना नेहवाल से पदक की उम्मीदें थीं, लेकिन दुर्भाग्य से वह ओलंपिक पदक की दौड़ में दूसरे दौर में ही बाहर हो गईं। लेकिन सिंधु अपने पूरे धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ फाइनल में पहुंच गई हैं। यह जीत इतनी खास थी कि पीएम मोदी समेत कई नामी हस्तियों ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी.
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