बड़ी लडाई अमेरिका मे आयोजित कि जा सकती है बोले हर्न, बेन के प्रमोटर एडी हर्न के अनुसार, जाहिर तौर पर वह अमेरिका में सर्वाधिक देखा जाने वाला बोक्सर है। एक साल पहले बेन के उपर लगे आरोप पर हर्न ने काफी सहायता की, उनसे जो हुआ उन्होंने हर संभव प्रयास किया की वो कुछ भी हो अपने क्लाइंट को बचा सके। अभी भी बेन ब्रिटेन मे नही लड़ सकते है, इसलिए उनकी पिछली लडाई भी अमेरिका मे हुई जहाँ उन्होंने बड़ी जीत हासिल की।
दो बड़े बोक्सरस् आ रहे आमने सामने
मैचरूम बॉक्सिंग प्रमुख विवादास्पद बेन को एक और बड़े नाम के साथ जोड़ना चाहते हैं, जिसका नाम है गेर्वोंटा डेविस, बाल्टीमोर पंचर, जो यकीनन खेल में सबसे बड़ा अमेरिकी मूल का बॉक्सिंग स्टार है। बेन ने पिछले सप्ताहांत लास वेगास में पीट डॉब्सन को हराया, कई सेनानियों ने बेन को लताड़ा अपने अप्रतिरोध्य प्रतिद्वंद्वी को परास्त करने में असफल होना। 2022 के अंत में प्रतिबंधित प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवा क्लोमीफीन के लिए दो बार सकारात्मक परीक्षण करने से पहले बेन हाई-प्रोफाइल नॉकआउट की श्रृंखला में थे।
बेन और डेविस ऑनलाइन एक छोटी सी झड़प में शामिल थे, जिसमें एक संकेत दिया गया था कि उनके संचालक एक संभावित सौदे का पता लगाएंगे। हर्न ने पुष्टि की कि वह बुधवार को एक इंटरव्यू में डेविस को एक उपहार पेश करेंगे। हर्न ने पुष्टि की कि वह बुधवार को एक साक्षात्कार में डेविस को एक उपहार पेश करेंगे। गेर्वोंटा एक उत्कृष्ट बोक्सर हैं। सुपर फेदरवेट, वास्तव में, लाइटवेट तक आ रहा है और 140 पर बॉक्सिंग करता है लेकिन 147 पर कभी बॉक्सिंग नहीं की है। कॉनर बेन के लिए यह वास्तव में एक कठिन लड़ाई है।
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बेन और डेविस की लडाई पर दिया जा रहा जोर
कॉनर बेन के खिलाफ गेर्वोंटा डेविस एक ऐसी लड़ाई है जो वास्तव में अमेरिका और ब्रिटेन को रोशन कर सकती है। उन्हें आज एक ऑफर मिलेगा। कॉनर बेन किसी से भी लड़ेंगे। लेकिन यह सुनिश्चित करना हमारा काम है कि इनाम मिले। एक अमेरिकी सुपरस्टार के खिलाफ इस तरह की लड़ाई उनके लिए एक बड़ी लड़ाई होगी।हर्न का अब मानना है कि अमेरिका में बेन के लिए रास्ते खुल गए हैं और सुझाव दिया है कि बेन को ब्रिटेन वापस लाने के लिए इतना दबाव नहीं होगा। हालाँकि, बेन ने कई टॉप नामों का उल्लेख किया है।
हर्न अपनी तरफ से पुरी कोशिश कर रहे है कि बेन को किसी तरह से ब्रिटेन मे दाखिला दे, लेकिन ब्रिटिश बोर्ड इतनी जल्दी उन्हे माफी नही देना चाहते है, यही उनकी सबसे बड़ी परेशानी है। इस लडाई के बाद वे फिर से ब्रिटिश बोर्ड को इसके बारे मे पुनर विचार का संदेश दे सकते है।