इस वक्त 19 वर्षीय अर्जुन एरिगैसी ने खुद को भीड़ से दूर रखा हुआ है और वो अपने लक्ष्य -विश्व
चैंपियन बनने के विशिष्ट लक्ष्य के साथ हनमकोंडा में अपने घर में सीमित है | तेलंगाना के ग्रैंडमास्टर
अपनी तेजी से उत्थान के लिए आकर्षण केंद्र रहे हैं और विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन के खिलाफ
ऑनलाइन जीतभी दर्ज कर चुके है वो अब प्रतिद्वंद्वियों को मात देने के लिए तैयार हो रही है क्योंकि
स्वीडन में मई में अंतरराष्ट्रीय सर्किट शुरू हो रहा है।
उनकी माँ चाहती थी वो पढ़ाई पर दे ध्यान
2016 में डॉ. श्रीनिवास ने महसूस किया था की उनका बेटा अर्जुन जो की 9वीं कक्ष में था उसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए क्यूंकि वो शतरंज में ज्यादा प्रगति नहीं दिखा रहे थे , पर अर्जुन की माँ को ये भरोसा था की वो अपनी छाप जरूर छोड़ेंगे अगर उन्हें कुछ समय मिले , और उनका ये विश्वास सही भी साबित हुआ क्यूंकि जल्द ही परिणाम भी आना शुरू हो गए थे |
इंटरव्यू में अर्जुन ने कही ये बात
इसी बारे में बात करते हुए अर्जुन ने एक इंटरव्यू में कहा “ जो काम पहले किया गया था उसका भुगतान करना शुरू हो गया है , मैं ज्यादा केंद्रित था और अपनी ताकत के लिए खेला , विशेष रूप से स्थानीय खेल और गतिशीलता | 2021 Goldmoney एशियन रैपिड जो की ऑनलाइन चैंपियंस शतरंज टूर सीरीज का हिस्सा था वो मेरे करियर के सबसे महत्वपूर्ण इवेंट्स में से एक बन गया क्यूंकि ये एक काफी मजबूत इवेंट था जहां टॉप 8 नॉक-आउट के लिए क्वालफाइ होते , मैं इस चरण में और CCTS में भी पहुँचने वाला पहला भारतीय बना |