कबड्डी का दुसरा नाम? (What is Another Name of Kabaddi?): कबड्डी, एक मैदान या कोर्ट के विपरीत हिस्सों में दो टीमों के बीच खेला जाने वाला खेल है।
इस खेल में व्यक्तिगत खिलाड़ी बारी-बारी से दूसरी टीम की तरफ जाते हैं और “कबड्डी-कबड्डी” (या कोई दूसरा नारा) दोहराते हैं। इस खेल में बिना पकड़े या सांस लिए अपने घरेलू क्षेत्र में लौटने से पहले अधिक से अधिक विरोधियों को टैग करके अंक बनाए जाते हैं।
यह अनुमान लगाया गया है कि इस खेल की उत्पत्ति (Origin of Kabaddi) प्रागैतिहासिक (Prehistoric) काल में हुई थी, जब आत्मरक्षा और शिकार के लिए मानव का विकास महत्वपूर्ण था।
प्राचीन भारतीय महाकाव्य महाभारत, कुरुक्षेत्र की पौराणिक लड़ाइयों के में कबड्डी के छापे का जिक्र किया गया है।
कई वर्षों तक कबड्डी भारतीय गुरुकुलों में विद्यार्थियों द्वारा शारीरिक व्यायाम (Physical exercise) के लिए खेली जाती थी। हालांकि छोटे-मोटे बदलाव सामने आए, लेकिन दुश्मन के इलाके पर छापा मारने का खेल का मुख्य उद्देश्य आम रहा।
हालांकि शुरुआत में इस खेल को कबड्डी के नाम से नहीं जाना जाता था, इस खेल के प्राचीन नाम कुछ और ही थे और बार में इस खेल का नाम कबड्डी (Kabaddi) पड़ा है। वहीं आज के दिन पूरी दुनिया में कबड्डी के अलग अलग नाम (Different names of Kabaddi in world) नाम है।
तो आइए यहां विस्तार से समझते है कि अलग अलग क्षेत्रों में कबड्डी का दूसरा नाम क्या है? (What is the other name of Kabaddi?)
कबड्डी का दुसरा नाम? | Other Name of Kabaddi in Hindi
सबसे पहले आपको बता दें कि कबड्डी शब्द तमिल शब्द “काई-पिडी” (Kai-Pidi) से लिया गया है। वहीं भारत के अलग अलग जगहों पर इसे अलग अलग नाम से जाना जाता है। वहीं विदेशों में भी कई जगह इसका अलग नाम है।
बहुत से लोग गूगल में What is the other name of kabaddi in english, What is the other name of kabaddi game, What is the other name of kabaddi in hindi, Different names of Kabaddi in world इन कीवर्ड को यह जानने के लिए सर्च करते है कि कबड्डी का दुसरा नाम क्या है? लेकिन उन्हे सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। क्योंकि कबड्डी के कई दूसरे नाम है।
कबड्डी का उपनाम (Nickname of Kabaddi)
ये कबड्डी के उपनाम है – कौड़ी, पकाड़ा, हाडुडु, भावटिक, सादुकुडा, हु-तु-तु, हिमोशिका, सदुगुडु
कबड्डी को भारत के विभिन्न राज्यों में इसके क्षेत्रीय नामों से जाना जाता है, जैसे: –
- आंध्र प्रदेश में कबड्डी या चेडुगुडु
- कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में कबड्डी
- पश्चिमी भारत में हु-तु–तु
- पूर्वी भारत में हु-दो-दो
- दक्षिण भारत में चदाकुडु
- तमिलनाडु में कबड्डी या सदुगुडा
- पंजाब क्षेत्र में कौड्डी या कबड्डी
दूसरे देशों में कबड्डी का दूसरा नाम (Another Name of Kabaddi)
- बांग्लादेश में हाडुडु या हा-दो-दो,
- मालदीव में भावटिक
- नेपाल में कपार्डी
- श्रीलंका में गुडु
- थाईलैंड में थीचुब
बता दें कि कबाड़ी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल भी है।
कबड्डी को अंतरराष्ट्रीय पहचान कब मिली?
कबड्डी के मूल नियमों को भारत में 20वीं सदी की शुरुआत में औपचारिक रूप दिया गया और 1923 में प्रकाशित किया गया।
इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन तब मिला जब इसे बर्लिन में 1936 के ओलंपिक खेलों में अमरावती-आधारित खेल संगठन द्वारा प्रदर्शित किया गया और दो साल बाद कलकत्ता (अब कोलकाता) में आयोजित भारतीय ओलंपिक खेलों में इसे एक आयोजन के रूप में शामिल किया गया।
1950 में अपने गठन के बाद, भारतीय कबड्डी महासंघ ने 1952 में पुरुषों के लिए और 1955 में महिलाओं के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन किया।
20वीं सदी के अंत में संगठित कबड्डी की लोकप्रियता भारत की सीमाओं से परे फैलने लगी, कुछ हद तक 1972 में गठित भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ के प्रयासों से यह पंख फैलाने लगा।
उसी वर्ष कबड्डी को बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल घोषित किया गया। 1978 में एशियाई एमेच्योर कबड्डी महासंघ की स्थापना के साथ, एक क्षेत्रीय चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया और 1990 में राष्ट्रीय कबड्डी टीमों ने एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करना शुरू किया।
21वीं सदी में कबड्डी को मिली नई पहचान
21वीं सदी की शुरुआत तक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में आम तौर पर एक आयताकार कोर्ट पर प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी शामिल होते थे, हालांकि अन्य स्टाइल (जैसे सर्किल कबड्डी) भारत और अन्य जगहों पर लोकप्रिय रहीं।
2004 में मुंबई (बॉम्बे) में आयोजित पहले कबड्डी विश्व कप में एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका की राष्ट्रीय टीमों ने भाग लिया था।
कबड्डी के प्रकार (Types of Kabaddi)
कबड्डी का विकास जैसे ही होना शुरू हुआ वैसे ही विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार इसके खेल में भी कई तरह के बदलाव होते चले गए। इसमें से कुछ प्रकार नीचे बताए गए है:
- गमिनी कबड्डी (Gaminee Kabaddi): खिलाड़ियों को रेड करते समय लगातार ‘कबड्डी’ का जाप करना होता है।
- बीच कबड्डी (Beach Kabaddi): रेतीले तटों पर खेली जाने वाली यह कबड्डी खेल में एक रोमांचक मोड़ लाती है।
- संजीवनी कबड्डी (Sanjeevani Kabaddi): इस संस्करण में टैग किए गए खिलाड़ियों को फिर से जीवित किया जा सकता है।
कबड्डी फील्ड का आकार (Kabaddi Field Measurements)
कबड्डी कोर्ट W13 x H10 मीटर की होती है जिसमें मध्य रेखा (Mid Line) कोर्ट को दो हिस्सों में विभाजित करती है।
- बाउल्क लाइन (Baulk Line): कोर्ट के हर आधे हिस्से में एक बाउल्क लाइन होती है। रेड को वैध बनाने के लिए प्रत्येक छापे में रेडर को इस रेखा को पार करना पड़ता है।
- बोनस लाइन (Bonus Line) : अगर कोई रेडर अपने अनुगामी पैर के साथ बोनस लाइन को हवा में पार करता है, जब कोर्ट पर 6 या अधिक विपक्षी खिलाड़ी होते हैं तो उसे एक बोनस अंक मिलता है।
कबड्डी के खिलाड़ी (Kabaddi Players in Field)
पहले प्रत्येक टीम में 7 मुख्य खिलाड़ी होते है, इसके अलावा 5 विकल्प खिलाड़ी भी होते है, जो खेल के दौरान बदले जा सकते है।
- कॉर्नर (Corner) – टीम के शामिल 7 खिलाड़ियों में 2 खिलाड़ी कार्नर पर मौजूद होते है, जिन्हें डिफेंडर कहा जाता है।
- Ins – 2 इंस हैं जो मुख्य रूप से टीम के प्रमुख रेडर हैं।
कवर – कार्नर की तरह 2 खिलाड़ी ऐसे भी होते है जो सेंटर के दोनों ओर खड़े होते है, इन्हें कवर कहा जाता है। - सेंटर (Center) – एक सेंटर खिलाड़ी होता है, जो या तो एक ऑलराउंडर है या टीम का तीसरा रेडर कहलाता है।
Conclusion –
भारत में कबड्डी सिर्फ एक खेल नहीं है, यह साउथ एशियाई कल्चर का अभिन्न अंग हैं। यह खेल एकता, शक्ति और सौहार्द की भावना का प्रतीक है।
तो उम्मीद है कि आप जान गए होंगे कि कबड्डी का दुसरा नाम? (What is Another Name of Kabaddi?) और अलग अलग क्षेत्रों में कबड्डी को किस नाम से जानते है? ऐसी ही और जानकारी के लिए पढ़ते रहे sportsermon.in
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