नेशनल टीम में अपना स्थान पक्का करने वालीं मध्यप्रदेश की खिलाड़ी अनीता धाकड़
किसी भी परिचय की मोहताज नहीं है. मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल पहाड़गढ़ के
छोटे से गांव धूरकूड़ा की बेटी अनीता धाकड़ ने अपने गांव और परिवार ही नहीं
प्रदेश और देश का नाम भी रोशन किया है. अनीता के पिता किसान है और
मप्र के छोटे से गांव से चमकी अनीता धाकड़
अनीता ने अपनी शिक्षा नवोदय स्कूल शिवपुरी से पूरी की है. कबड्डी गेम्स के प्रति
अनीता शुरू से ही काफी उत्साह रखती थी. विगत में नेपाल में हुए इंटरनेशनल
गेम्स में भी अनीता ने शानदार खेल दिखाया था. अब अनीता अपने फिटनेस को लेकर
काफी ख्याल रखती है और हर टूर्नामेंट में खुद को तैयार रखना चाहती है.
अनीता ने कहा कि मैंने बचपन से ही सामान्य व्यक्तियों की जिंदगी को जिया है
और बहुत गरीबी देखी है. इसलिए मुझे पता है कि पिता के सपनों को कैसे पूरा किया जाता है.
इस क्षेत्र से एकमात्र कबड्डी खिलाड़ी अनीता ने देश विदेश में जाकर
कबड्डी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया नाम
भारत का नाम बढ़ाया है और साथ विदेश में खेलकर भारत के लिए
गोल्ड मेडल भी जीता है. जिससे उनका ही नहीं उनके परिवार और
प्रदेश का नाम भी काफी ऊंचा हुआ है. इससे खुश होकर उनके
गांव के लोगों और समाज ने उक्त खिलाड़ियों की सराहना करते हुए
उन्हें नगद रूप से पुरस्कृत किया है. अनीता कबड्डी की बहुत बेहतरीन
खिलाड़ी है और हर कोई उनकी तारीफ करते नहीं थकता है. इतना ही
नहीं इनका चयन तो स्टेट लेवल की टीम के लिए भी हो चुका है
वहीं शानदार खेल का प्रदर्शन कर इंदौर, प्रयागराज में गोल्ड मेडल
जीता था. इसके अलावा नेपाल, थाईलैंड और बैंकॉक में कबड्डी खेलकर
गोल्ड मेडल जीता था. बता दें अनीता को को उनके समाज और
गांव के लोगों ने तीस हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया था.
हर कोई उनकी प्रतिभा का सम्मान करता है और अनीता को
गांव का सितारा समझता है. वहीं अनीता भी गांव के लोगों से इतना प्यार पाकर अभिभूत है.