भारतीय हॉकी टीम के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह का टीम में नहीं होना सबसे कमी है. इसके बारे में हॉकी टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा कि उन्होंने हमेशा मेरे विश्वास पर विश्वास दिखाया है. उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलम्पिक में 41 साल बाद भारत का पदक जीतना बहुत बड़ी बात है जिसमें उनके योगदान को नकार देना गलत बात होगी.
सिमरनजीत सिंह को नहीं मिली टीम में जगह
बता दें टोक्यो ओलम्पिक में उन्हें रिज़र्व खिलाड़ी के रूप में चुना गया था लेकिन जब उन्हें खेलने का मौका तब उन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन भी किया था और इसी बात से टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड काफी खुश भी हुए थे. उन्होंने कहा कि, दुर्भाग्य से वह टोक्यो ओलम्पिक खेल में घुटने की चोट से परेशान था और उन्हें काफी समय तक आराम करने की सलाह दी गई थी. इसी के चलते वह एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में आ नहीं पाए थे.
इतना ही नहीं वह इसी साल हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारतीय टीम में नहीं चुने गए थे. तो इसका मुख्य कारण यही था कि वह पूर्णतया फिट नहीं थे. उनके महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में अनुपस्थित होने के प्रशन पर ग्राहम रीड ने अपनी सफाई दी है. वहीं अब जब 33 खिलाड़ियों के कोर ग्रुप से भी सिमरनजीत सिंह और वरुण और सूरन करकेरा को भी टीम में नहीं जगह मिली थी जिसका मुख्य कारण कोच ने फिट नहीं होना बताया है.
बता दें हॉकी इंडिया ने शनिवार को 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले FIH प्रो लीग सीजन के शुरूआती मैचों के लिए कप्तान मनप्रीत सिंह और अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश सहित 33 सदस्यीय पुरुष सम्भावित समूह का चयन किया. वहीं सिमरनजीत के टीम में नहीं चुने जाने का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि वह अभी तक भी चोट से नहीं उभर पाए है. रिपोर्ट के मुताबिक़ हॉकी इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि वह अभी भी फिट नहीं है इसलिए उन्हें टीम में जगह नहीं मिल पाई है.