राजस्थान (Rajasthan) में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों (Rajeev Gandhi Gramin Olymics Games) का आयोजन किया गया है जिसमें सभी खिलाड़ी अपना शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीण इलाकों से आए खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय मंच पर अपना परचम लहराने का मौका मिल रहा है ऐसे में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां हॉकी को लेकर एक अनोखा प्रेम देखने को मिला है.
राजस्थान (Rajasthan) के राजसमंद जिले की दलवा ग्राम पंचायत के छोटे से गांव से आने वाली पूजा बैरवा (Pooja Bairwa) राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक (Rajeev Gandhi Gramin Olymics Games) में अपना शानदार खेल दिखा रही हैं उनका यह सफर आसान नहीं रहा है अगले ही दिन उनकी शादी होने के बावजूद उन्होंने स्टेट लेवल हॉकी टूर्नामेंट में ना केवल हिस्सा लिया बल्कि अपने शानदार प्रदर्शन के जरिए अपनी टीम को जीत भी दिलाई.
हॉकी खिलाड़ी पूजा (Hockey Player Pooja Bairwa) बताती हैं कि मैं हॉकी खेलती हूं मुझे यह स्टेट लेवल टूर्नामेंट खेलना था लेकिन अगले ही दिन मेरी शादी थी, उन्होंने कहा की इस टूर्नामेंट के लिए मुझे सिरोही जाना था लेकिन अगले ही दिन शादी थी जिस वजह से मुझे डर था कि कहीं मेरी यह प्रतियोगिता खेलने का सपना टूट ना जाए, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले लिया.
मुश्किल घड़ी में मेरे कोच ने भी मेरा बहुत साथ दिया : Pooja Bairwa
पूजा बताती है इस मुश्किल घड़ी में मेरे कोच ने भी मेरा बहुत साथ दिया और बहुत मेहनत की आज उन्हीं की बदौलत में राजीव गांधी ग्रामीण ग्रामीण ओलंपिक में एक नई उम्मीद के साथ राज्य स्तरीय टूर्नामेंट खेल रही हूं और मुझे अब लगने लगा है कि मैं और बढ़िया खेल सकती हूं और मेरे सपनों को नए पंख मिल सकते हैं.
हॉकी खिलाड़ी पूजा बैरवा (Hockey Player Pooja Bairwa) की कोच गरिमा व्यास ने बताया कि जिस दिन पूजा की शादी थी उस से 4 दिन पहले ही सिरोही में स्टेट टूर्नामेंट होना था लेकिन पूजा के घर वाले इस टूर्नामेंट को खेलने से मना कर रहे थे, जिसके कारण पूजा का हौसला भी टूट रहा था, मेरी भी इच्छा थी कि पूजा जैसे शानदार खिलाड़ी इस मैच को खेलें ऐसे में मैंने पूजा के घर वालों से स्वयं बात करके उन्हें पूजा को टूर्नामेंट खेलने के लिए राजी करवाया.
कोच गरिमा व्यास ने बताया कि टूर्नामेंट जीतने के बाद करीब रात 1:00 बजे मैं खुद पूजा को उसके घर छोड़ कर आई जिससे उसकी अगले ही दिन शादी की रस्में शुरू हो गई एक बार तो मुझे भी लगने लगा था कि पूजा अब नहीं खेल पाएगी लेकिन उस दिन हिम्मत दिखाई और पूजा को खेलने के लिए तैयार किया उसी की बदौलत आज पूजा यहां राज्यस्तरीय ग्रामीण हॉकी ओलंपिक में मैच खेल रही है.