आज हम अपको भारत की 11 वर्ष की chess प्राडिजी अलाना मीनाक्षी के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने
महज 4 वर्ष की उम्र में ही शतरंज के राजा , रानी , बिशप और नाइट के बारे में जान लिया था ,
उस उम्र में उन्हें शतरंज खेलना आता भी नहीं था पर फिर भी वो chess बोर्ड पर इन pieces को
ऑर्डर से लगाना सिख गई थी | जब वो 6 वर्ष की हुई तो उन्होंने प्रोफेशनल chess खेलना शुरू
कर दिया , खेलते हुए उन्होंने काफी लोकल , नैशनल और इंटरनेशनल championship भी जीती |
इस वक्त अलाना महज 11 वर्ष की है पर वो जल्द से जल्द ग्रंड्मास्टर बनना चाहती है ऐसा उन्होंने खुद
एक इंटरव्यू में कहा है इस वक्त वो Under-11 girls’ category में विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी है
, अलाना आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम की रहने वाली है |
साल 2018 में अलाना ने अपनी जबरदस्त परफॉरमेंस से शतरंज की दुनिया में काफी चर्चा बटोरी थी ,
उन्होंने गोल्ड , सिल्वर और ब्रॉनज़ जीत कर अपनी विनिंग स्ट्रीक जारी रखी और और Women Candidate
Master का टाइटल हासिल कर लिया , उस साल उन्होंने श्री लंका में अपनी games खेली थी |
tournaments के लिए वो अब तक चीन , श्री लंका , सर्बिया और हंगरी भी जा चुकी है , अलाना के पिता
एक व्यवसायी है और उनकी माँ एक scientist और करियर counsellor है |
अलाना ने इंटरव्यू में कहा की “जब आप जीत रहे होते है तो आपको लगता है की आप जीत रहे है और
इसलिए आप उसे जाने देते है और अंत में गेम हार जाते है या तो ड्रॉ से गेम खत्म हो जाता है , मैं इस बात
पर कभी ध्यान नहीं देती की मैंने कितनी गेम जीती है और कितनी गेम हारी है | अलाना ने ये भी बताया की
जब वो 64 square के chessboard पर 32 pieces को देखती है तो कभी-कभी शतरंज उन्हें काफी
अकेला खेल लगता है और अगर अप खेल का आनंद नहीं ले पाते तो आपको ये पता भी नहीं चलता की
क्या चल रहा है |
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