पिछले दो दशकों से भारत ने शतरंज की सबसे बड़ी प्रतिभाओं के निर्माता के रूप में अपनी स्थिति
बनाए रखी है , इस क्षेत्र में उभरते हुए युवा भारतीय खिलाड़ियों ने देश को आनंदित होने का एक
नया कारण दिया है, इसी क्षेत्र में आने वाले एक नए प्रतिभाशाली खिलाड़ी है आयरनडला आकाश
कुमार जो की शैकपेट में तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसाइटी
में दसवीं कक्षा के छात्र है |
पिछले साल जीता था टीम सिल्वर
उन्होंने पिछले साल दिसंबर में उज्जैन भट्टाचार्य के साथ श्रीलंका के कालुतारा में आयोजित 16वीं एशियाई स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में टीम सिल्वर मेडल जीता था , हालांकि अभी उन्हें और भी आगे जाना है | अंडर-17 कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा करने के बाद आकाश ने विश्व स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक स्थान प्राप्त कर लिया है जो की 13 से 23 अप्रैल तक ग्रीस में होने वाली है | 1400 से ऊपर की अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ रेटिंग के साथ आकाश को अपने सीनियर्स और साथियों से काफी सरहाना मिली है |
काफी सुर्खिया बँटोर रहे है आकाश
आकाश के द्वारा खेले गए हाल ही के टूर्नामेंट से उन्हें काफी सुर्खिया मिली है , एक इंटरव्यू के दौरान आकाश ने बताया की उन्होंने अपने पिता से साथ एक शौक के तौर पर शतरंज खेलना शुरू किया था , बाद में उन्हें वास्तव में इस खेल में दिलचस्पी होने लगी जिसके बाद जब वो पाँचवी कक्षा में पहुँचें तो उन्होंने ट्रैनिंग लेना शुरू कर दिया | बाकी कई भारतीय प्लेयर्स की तरह विश्वनाथन आनंद को ही वो अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा मानते है |