Image Source : Google
झारखंड के खूंटी में स्थित अकड़ी प्रखंड के दक्षिणी इलाके में हॉकी का विस्तार तो काफी है लेकिन उन्हें मार्गदर्शक नहीं मिल पा रहा है. यहां के युवाओं के खून में हॉकी दौड़ रही हैं लेकिन उन्हें उचित संसाधन और मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण वह इसमें बिछड़ते जा रहे हैं. जिले के हॉकी संघ और खेल विभाग की अपेक्षाओं का कारण ही है कि हॉकी की प्रतिभाएं इस खेल को छोड़कर दूसरे खेलों में और दूसरी जगह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है.
अकड़ी प्रखंड में खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा प्रशिक्षण
हॉकी की प्रतिभाएं यहां बहुत सारी है लेकिन उन्हें पूरी तरीके से मार्गदर्शक नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही उन्हें हॉकी के जो उचित संसाधन होते हैं वह भी यहां पर नहीं दिए जा रहे हैं. जिसके कारण वह हॉकी से अपना मुंह मोड़ रहे हैं. और जिन युवाओं में अभी भी हॉकी को खेलने की इच्छा है वह युवा खुद ही अपना खेल मैदान तैयार करते हैं. और गांव के स्तर पर बनाई गई हॉकी कि कमेटी के द्वारा खुद ही टूर्नामेंट आयोजित कराते हैं.
इस गांव स्तर के टूर्नामेंट में 50 से 100 टीमें भाग लेती है और वह खिलाड़ी उबड़-खाबड़ मैदान में ही हॉकी का प्रदर्शन करते हैं. जिसके कारण वह हॉकी के खेल में पिछड़ते जा रहे हैं. इनकी सोच में अभी भी जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर पर खेलने की भावना नहीं जग पाई है. क्योंकि इन्हें पूरी तरीके से मार्गदर्शक नहीं मिला है और उसके साथ ही संसाधन भी यहां पर पूरी तरीके से नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके कारण यह राष्ट्रीय खेल में बिछड़ते जा रहे हैं.
स्थानीय खेल विभाग और सरकार से गुहार है कि वह अधिक्स से अधिक संख्या में यहाँ के युवाओं को जोड़े और हॉकी के खेल का विस्तार करें.