अगर मे एक एमएमऐ खिलाडी से हार गया तो मुह दिखाने नही रहूँगा। टाइसन फ़्यूरि का कहना है कि अगर मे एक एमएमऐ खिलाडी से हार गया तो मुझे बहुत ही बेज्जती झेलना पड़ सकता है। इसी को ध्यान मे रखते हुए मे और प्रयास कर रहा हूँ बोले फ़्यूरि, फ़्यूरि बनाम नगन्नौ का मुकाबला अक्टूबर महीने मे होने जा रहा है। भले ये एक नॉन टाइटल मुकाबला है। लेकिन ये फ़्यूरि की प्रतिष्टा का सवाल भी है और उन्हे इस पर खरा उतरना है।
एक और टेस्ट फ़्यूरि के करियर
सऊदी अरब के रियाद में 28 अक्टूबर को होने वाली अपनी 10-राउंड प्रदर्शनी के लिए फ्यूरी को अमेरिकी नॉकआउट कलाकार डोंटे वाइल्डर के खिलाफ अपने एक टाइटल मुकाबले के लिए तैयार किए गए ब्रितानी की तुलना में दोगुना समय तक प्रशिक्षण लेना होगा। जबकि अधिकांश मुक्केबाजी प्रशंसक और मुक्केबाजी को कवर करने वाले अधिकांश मीडिया को नहीं लगता कि नगननू के पास फ्यूरी को परेशान करने के लिए कोई ज्यादा बड़े शॉट है।
फ़्यूरि ने अपने नए प्रेस कांफ्रेंस मे कहा मैं फ्रांसिस नगनौ के लिए 12 हफ्ते के 12 हफ्ते प्रयास कर रहा हूं। इसलिए, मुझे अपना अच्छा गेम पर बने रहने की जरूरत है क्योंकि अभी मुक्केबाजी की लड़ाई के अलावा और भी बहुत कुछ दांव पर है। आप जानते हैं, अगर मैं किसी नंबर एक दावेदार, दूसरे चैंपियन से हार जाता हूं, तो ऐसा लगता है, ठीक है, वह एक चैंपियन से हार गया, चाहे जो भी हो। फिर मे किसी को भी मुह दिखाने लायक नही रह पाहुँगा सायद वो मेरा करियर का सबसे निराश करने वाला पल होगा।
पढ़े : यूबैंक बनाम बेन का मुकाबला जल्द हो सकता है
मुकाबला हो सकता है काँटे दार
बॉक्सिंग रिंग में फ्यूरी से लड़ने से पहले नगननू ने 20 प्रोफारेशनल एमएमए मैचों में 12 विरोधियों को हराया। पिछले साल अनुबंध समाप्त होने के बाद नगननू के कंपनी से अलग होने से पहले उन्होंने लगातार छह UFC मुकाबले जीते थे।फ्यूरी को संदेह है कि नगन्नौ लंबे, हल्के वाइल्डर की तुलना में उतना ही अधिक या अधिक जोरदार प्रहार कर सकता है, जिसकी चूर-चूर करने वाली शक्ति के कारण पूर्व WBC चैंपियन ने फ्यूरी को अपनी पहली और तीसरी लड़ाई में दो बार हराया था।
इससे पहले फ्यूरी और उसके संचालकों ने इस साल की शुरुआत में ऑलेक्ज़ेंडर उस्यक के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की, लेकिन वे अंत एक टाइटल एकीकरण लड़ाई आयोजित करने में विफल रहे जो मुक्केबाजी के चार-बेल्ट युग के पहले निर्विवाद हैवीवेट चैंपियन रहे। लेकिन ये बात पर्स बीड तक ही चल पाई क्यूँकि रिमैच् के बात पर फ़्यूरि सहमत नही हुए और उस्यक् ने भी लडाई से वापसी कर ली।