झारखण्ड के खूंटी जिले में हॉकी का क्रेज जमकर है. ऐसे में शहर के कचहरी मैदान में कुछ बच्चे हॉकी खेल रहे थे. लेकिन उनके पास संसाधन नहीं थे. सोमवार कि बात है जब कचहरी के मैदान में बच्चे बिना जूते और स्टिक के हॉकी खेल रहे थे. ऐसे में जिले के डीसी शशि रंजन ने इन बच्चों को देखा तो उनका दिल पिघल गया था. उन्होंने तुरंत प्रभाव से जिला खेल अधिकारी को फ़ोन लगाया था. और इतना ही नहीं इन बच्चों को स्टिक और जूते उपलब्ध करान के निर्देश दिए थे. कुछ ही देर में कचहरी के मैदान में हॉकी खेल रहे बच्चों को सारे सामान मिल चुके थे.
बच्चों को बगैर जूते और हॉकी के खेलता देखा
बता दें खूंटी म जूनियर नेशनल हॉकी प्रतियोगिता का हाल ही में आयोजन किया गया था. जिसके बाद से बच्चों और युवाओं में हॉकी को लेकर ज्यादा उमग दौड़ी है. इसी का प्रमाण सोमवार को कचहरी में देखने को मिला था.गरीब बच्चे मैदान में हॉकी खेल रहे थे लेकिन उनके पैर में ना जूते थे ना ही हॉकी की स्टिक थी. वे लकड़ी के डंडों से कपड़े का बॉल बनाकर खेल रहे थे.
इसी दौरान उपायुक्त शशि रंजन कार्यालय से अपने आवास कचहरी मैदान के पास वाली सड़क से जा रहे थे. तभी उनकी नजर इन बच्चों पर पड़ी थी और वह संवेदनशील हो गए थे. इसके तुरंत बाद उन्होंने खेल अधिकारी को फोन लगाकर स्थिति के अवगत कराया था. और जल्द से जल्द बच्चों को हॉकी किट और जूते देने का आदेश दिया था. वहीं जब बच्चों को तुरंत बाद यह हॉकी किट मिला तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.
अधिकारी ने तुरंत मुहैया कराया खेल किट
इस दौरान बच्चों ने उनका आभार भी व्यक्त किया है. सभी बच्चों के चेहरे पर हॉकी किट और जूते पाकर मुस्कान आ गई थी. बता दें खूंटी में हॉकी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और प्रशासन दोनों साथ काम कर रहे हैं. इन उभरते खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए उपयुक्त अनोखी पहल कर रहे हैं.