Wijk aan Zee में चल रहे Tata Steel मास्टर्स मे छठे राउंड के बाद अभी भी नोदिरबेक अब्दुसातरोव
एकमात्र लीडर बने हुए है | उज्बेकिस्तान के इस ग्रैंडमास्टर ने इस राउंड मने सफेद मोहरों के साथ
अपना मैच ड्रॉ किया और ऐसा ही अनीश गिरी ने भी किया जिसके बाद वो लीडर से आधा अंक पीछे
है और दूसरे स्थान पर एक मात्र खिलाड़ी है | दिन में जिन प्लेयर्स ने अपने-अपने मैच जीते वो थे फैबियानो
कारूआना और वेस्ले सो जिन्होंने क्रमश डोमराराजु गुकेश और विन्सेंट कीमर को मात दी |
कार्लसन ने इस राउंड में मैच किया ड्रॉ
कार्लसन ने इस टूर्नामेंट के पिछले दो राउंड में अपने मैच हारे थे , इस राउंड में उनका मैच जॉर्डन वैन
फॉरेस्ट के साथ हुआ था | कार्लसन ने इस मैच में सिसिलियन डिफेंस को चुना था , जॉर्डन ने आक्रामक
लाइन नहीं खेली और मग्नस को रानी की अदला-बदली करने की अनुमति दी जो की उनकी पोजीशन
के पक्ष में थी | इसके बाद कार्लसन ने अपने जी-पॉन को आगे बढ़ाते हुए एक विशिष्ट प्लान लागू किया ,
जब वैन फॉरेस्ट ने क्वीन्ससाइड पर ब्लैक के मोहरों की चेन तोड़ दी थी, इसके बाद कार्लसन ने अपने
राजा के साथ किंगसाइड में प्रवेश किया लेकिन जॉर्डन ने समय बारबाद नहीं किया और ब्लैक के प्यादों
पर हमला कर काउंटरप्ले बनाया , अंत में दोनों खिलाड़ियों ने ड्रॉ करने का फैसला लिया |
कारूआना को मिली आसान जीत
बात करे भारतीय युवा गुकेश और कारूआना के मैच की तो , गुकेश ने रैगोज़िन डिफेंस के साथ
दुर्लभ शुरुआत की थी पर उनकी तरफ से विस्तृत तैयारी का प्रदर्शन नहीं दिख रहा था क्यूंकि 15वीं
चाल के बाद कारुआना को कुछ खास करने की जरूरत नहीं पड़ी और उन्हें खुद ही एक निर्णायक
लाभ मिल गया था | गुकेश ने एक मोहरे का बलिदान देने की सोची पर फिर भी उन्हें इससे कुछ मदद
नहीं मिली क्यूंकि फैबियानो ने सहजता से किंगसाइड पर हमला कर दिया था | 19वीं और 20वीं चाल
पर करुआना सबसे मजबूत नियंत्रता से चूक गए थे पर टाइम कंट्रोल तक पहुँचने से पहले जीत हासिल
करने के लिए उन्होंने एक अच्छी स्थिति हासिल कर ली थी |
सो और कीमर दोनों ने किया अच्छा प्रदर्शन
वेस्ले सो और विन्सेंट कीमर के मैच की शुरुआत में कीमर ने रुय लोपेज़ की दुर्लभ लाइन के लिए विचार
किया रहा और सफेद पक्ष के a5-प्यादे की ओर चले गए थे | दोनों प्लेयर्स ने एंटी-मार्शल में अच्छी तैयारी
कर के दिखाई थी लेकिन मिडल गेम में वेस्ली ने शुरुआत की , कीमर ने माईनर-पीस एंडगेम तक
पहुँचने तक नियंत्रण बनाए रखा था पर 33वीं चाल पर वो सही चाल क्रम ढूंढने में विफल रहे जिसके
बाद उनके प्रतिद्वंदी सो को परिणाम तय करने का मौका मिल गया |