एंटाल्या : पिछले साल नवंबर में तुर्की के एंटाल्या में लड़कियों के लिए पैन-यूरोपियन चैम्पियनशिप का
आयोजन हुआ था जिसमें 9 वर्षीय मरिआंडा लैम्बौ ने जीत हासिल कर ली थी और यूरोपीय शतरंज
चैंपियन बन गई थी , उन्होंने टूर्नामेंट के सभी राउंड में काफी अच्छा प्रदर्शन किया | kindergarden के
समय से ही शतरंज मरिआंडा की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा रहा है और उनके पहले कोच का मानना
है की उसके पास केवल प्रतिभा ही नहीं है बल्कि वो एक असाधारण कार्य करती है जो की उसके विरोधियों
के खिलाफ उसके आत्मविश्वास को भी प्रेरित करता है |
मरिआंडा के परिवार वाले है काफी खुश
हालांकि कई लोगों का ये मानना है की मरिआंडा को उसका आत्मविश्वास उसके पसंदीदा टेडी बियर से मिलता है जिसे वो अपने हर मैच में साथ लाती है , बता दे जब एंटाल्या चैंपियनशिप में उसने पोडियम पर सबसे शीर्ष स्थान हासिल किया था और उसके गले में स्वर्ण पदक और हाथों में कप था तो उसका परिवार काफी गर्वित महसूस कर रहा था और उनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था |
30 देशों के प्रतिद्वंदीयों के खिलाफ मिली उसे ये जीत
एंटाल्या चैंपियनशिप में मरिआंडा की ये जीत 30 देशों के प्रतिद्वंदीयों के खिलाफ कई वर्षों के बाद कई टूर्नामेंटों में पैनहेलेनिक चैंपियनशिप में भागीदारी और जीत के बाद आई है | वो एगली पापागौ स्पोर्ट्स कल्चरल क्लब की सदस्य है जो की उसके पहले कोच इयोनिस पनागाकोस द्वारा चलाई जाती है |एक इंटरव्यू के दौरान मरिआंडा ने बताया था “मुझे शतरंज खेलने के साथ-साथ भाई के साथ बास्केटबाल खेलना पसंद है और किताबें पढ़ना भी पसंद है |
इंटरव्यू में बात करते हुए मरिआंडा ने कहा :-
मरिआंडा ने आगे बात करते हुए ये भी कहा था की “ जब मैं खेलती हूँ तो मुझे कुछ महसूस नहीं होता क्यूंकि मैं खेल की तरफ पूरी तरह समर्पित होती हूँ , मैं सिर्फ उसकी चालों के बारे में सोचती हूँ ज्यादा नहीं , मैं हर खेल का सामान रूप से आनंद लेती हूँ और बड़े टूर्नामेंट की सफलता मुझे सामान्य से थोड़ा ज्यादा खुश करती है | तुर्की में हुए मैच पर बात करते हुए उसने कहा की उस हॉल में काफी संख्या में मैच खेले जा रहे थे जो की देखने में काफी रोमांचक लग रहा था |