FIH के द्वारा आयोजित होने वाले पुरुष हॉकी विश्वकप के लिए भारतीय टीम तैयार है. साथ ही भारत भी इसकी मेजबानी करने के लिए तैयार है. इस विश्वकप का इतिहास काफी पुराना है. जानकारी के लिए बता दें इस टूर्नामेंट की शुरुआत 52 साल पहले यानी साल 1971 में हुई थी. जिसे पाकिस्तानी टीम ने जीता था. इस विश्वकप का आयोजन पहले पाकिस्तान में होने वाला था. लेकिन भारत और पाकिस्तान के युद्ध के कारण इस विश्वकप को बाद में स्पेन में खेला गया था. जिसे स्पेन के बार्सिलोना में खेला गया था. वहीं पाकिस्तान टीम ने स्पेन को हराकर यह विश्वकप जीता था. विश्वकप के पहले संस्करण से जुड़ी एक भारत-पाकिस्तान की कहानी है.
भारत-पाकिस्तान युद्ध से जुड़ी है हॉकी विश्वकप की कहानी
दरअसल पुरुष हॉकी विश्वकप का आयोजन साल 1971 में किया गया था. कहा जाता है कि हॉकी विश्वकप को लेकर सबसे पहले पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान ने प्रस्ताव रखा था. उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ को अपने विचार के बारे में बताया था. साल 1969-70 में इस टूर्नामेंट को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था. पहले विश्वकप की मेजबानी पाकिस्तान को ही सौंपने की बात हुई थी.
लेकिन उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था. और वहां बांग्लादेश मुक्ति का युद्ध चल रहा था. और FIH को इसके बारे में जानकारी नहीं थी. वहीं 6 साल पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था और उसके बाद फिर ये दोनों देश आमने-सामने थे. लेकिन जैसे ही FIH को इस बारे में जानकारी पता चली तो उन्होंने टूर्नामेंट को कहीं और कराने कि योजना बना ली थी. और स्पेन के बार्सिलोना को इसकी मेजबानी सौंप दी थी.
इस टूर्नामेंट में सिर्फ 10 टीमों ने हिस्सा लिया था. वहीं यह हॉकी विश्वकप इतिहास का सबसे छोटा विश्वकप था. इसके बाद के विश्वकप का आयोजन साल 1978 में हुआ था जिसमें 14 टीमों ने हिस्सा लिया था. पहले के विश्वकप को दो-दो साल के अंतराल में आयोजित किया गया था.उसके बाद इसका आयोजन चार-चार के आयोजन में किया जाने लगा था.
विश्वकप की पहले ट्रॉफी का निर्माण भी पाकिस्तान के कलाकरों के द्वारा किया गया था जिसमें ग्लोब बना हुआ था.