ओलंपिक मे भारत के लिए पदक जीतने वाले विजेंदर सिंह ने बहुत बढ़ी बात सामने रखी उन्होंने कहा हैं कि भारत मे मुक्केबाज़ी के शेत्र मे कोई बदलाव नही हुआ है।
ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह ने घाना के एलिसाउ सुले के खिलाफ बड़ी जीत के साथ प्रो बॉक्सिंग में वापसी की। उन्होंने अपने प्रो बॉक्सिंग करियर की 13वीं जीत का दावा करने के लिए दूसरे दौर में अपने प्रतिद्वंद्वी को नॉकआउट किया।
विजेंदर ने एक इंस्टाग्राम लाइव इंटरेक्शन में कहा, “रायपुर की भीड़ से मिले समर्थन से मैं रोमांचित था। घरेलू दर्शकों के सामने खेलना एक अलग एहसास है। जब आप विदेश में खेलते हैं तो आपको यह समर्थन नहीं मिलता है।
भारत में मुक्केबाजी की प्रगति पर ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने कहा, “यदि आप मुझसे पूछें, तो 2008 के बाद से सुविधाओं और अन्य बुनियादी ढांचे के मामले में कुछ भी नहीं बदला है। इन बहु-खेल टूर्नामेंटों में हम जो परिणाम देखते हैं, वे इन युवा लड़कों और लड़कियों के प्रयास से हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं एक जिमनास्ट बनना चाहता था लेकिन किसी ने मुझसे कहा कि इससे मेरी हाइट ग्रोथ प्रभावित होगी और मैंने इसके खिलाफ फैसला किया क्योंकि मैं सेवाओं या पुलिस में शामिल होना चाहता था। बॉक्सिंग ने मुझे चुना, मैंने इसे नहीं चुना। मैंने सोचा था कि एक बच्चे के रूप में मुक्केबाजी आसान होगी और इसलिए इसके साथ आगे बढ़े।