कई सालों बाद आखिरकार 12 वर्षीय FM तनिटोलुवा एडेवुमी और उनके परिवार को अमेरिका में
आधिकारिक तोर पर राजनीतिक शरण दे दी गई है , तनिटोलुवा का परिवार 2017 में नाइजीरिया से
अमेरिका भाग आया था जब उनके पिता ने एक धार्मिक चरमपंथी समूह, बोको हराम का निशाना बन
गए थे क्यूंकि उन्होंने अपनी प्रिंट शॉप पर पश्चिमी और हिंसक विरोधी ईसाई नारों वाले पोस्टर को छापने
से इनकार कर दिया था |
तनिटोलुवा के पिता है काफी खुश
तनिटोलुवा के परिवार ने पहली बार 2019 में शरण के लिए आवेदन किया था और अभी तक उन्हें
खतरनाक परिस्थितियों में वापस नाइजीरिया भेजे जाने का जोखिम का सामना करना पड़ रहा था ,
अब वो एक राहत की सांस ले रहे है क्यूंकि लंबी प्रक्रिया के बाद उनको शरण मिल गई है | तनिटोलुवा के
पिता काफी खुश है और भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे है , साथ ही वो अपने वकीलों के भी काफी
आभारी है |
तनिटोलुवा का परिवार काफी समय तक रहा था बेघर आश्रय में
नाइजीरिया के अलग-अलग शहरों में जाने के बाद भी बोको हरम के लोगों के साथ उनके परिवार की
कई आक्रामक मुलाकते हुई | जब वो पहली बार न्यूयॉर्क आए तो उन्हें मैनहट्टन में एक बेघर आश्रय
में रहना पड़ा , इस दौरान Adewumi ने अपने स्कूल के हेड कोच NM शॉन मार्टिनेज से शतरंज खेलना
सीखा , जल्द ही उन्होंने स्कूल का शतरंज क्लब जॉइन कर लिया था जहां उन्हें और भी अवसर मिलने लगे ,
उनके कोच द्वारा परिवार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए फीस को भी माफ कर दिया गया था |
तनिटोलुवा लिख चुके है अपनी ऑटो-बीओग्राफी
क्लब जॉइन करने के कुछ ही हफ्तों बाद उन्होंने खुद भारी अध्ययन करना भी शुरू कर दिया और एक
ही हफ्ते में 500 से ज्यादा पज़ल भी सॉल्व कर दी , Adewumi ने अपने अनुभव और शतरंज के महत्व
के बारे में अपनी autobiographical किताब “My Name Is Tani …And I Believe in Miracles”
में साझा किया है | चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कई टूर्नामेंट में भाग लिया और जीत हासिल
की , 10 वर्ष की उम्र में वो नैशनल मास्टर बन गए थे और कुछ ही महीनों बाद FIDE मास्टर |