क्या इंपैक्ट प्लेयर नियम आईपीएल में खत्म होने वाला है?
पिछले दो सीजन में इंपैक्ट प्लेयर नियम को लेकर काफी चर्चा हुई है। कमेंटेटर, एक्सपर्ट, कोचों और सीनियर खिलाड़ियों ने अपनी राय रखी है इस नए नियम को लेकर जिसमें हर टीम को एक अतिरिक्त खिलाड़ी मैदान में उतारने का मौका मिलता है। वो भी सिचुएशन के हिसाब से। अगर उन्हें अपनी बल्लेबाजी मजबूत करनी है तो वे अपनी बल्लेबाजी मजबूत करते हैं, और अगर उनका गेंदबाजी मजबूत करनी है तो वे अपनी गेंदबाजी को मजबूत करते हैं।
लेकिन इस नियम के कुछ फायदे हुए हैं तो कुछ नुकसान भी हुए हैं। कहीं ना कहीं इस नियम के चलते ऑलराउंडर के रोल को काफी क्षति पहुंची है क्योंकि अब सभी टीमें एक पूरे बल्लेबाज या एक पूरे गेंदबाज चाहती हैं। तो हर ऑलराउंडर को या फिर पूरे बल्लेबाज की तरह खेलना पड़ रहा है या फिर एक पूरे गेंदबाज की तरह खेलना पड़ा है।
लेकिन इन सभी बातों के बीच में बीसीसीआई के चीफ सेक्रेटरी जय शाह ने यह खुलासा किया है कि इंपैक्ट प्लेयर नियम स्थायी नहीं है और कोच, खिलाड़ियों और टीमों से बात करने के बाद इसमें कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह नियम जाने वाला है। उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया और इम्फैसीज किया। इससे यह पता चलता है कि शायद इस नियम में कोई बदलाव न हो।
साथ ही साथ उन्होंने एक बात और कही कि इस नियम को लाया गया था ताकि जो भारतीय क्रिकेट सर्किट के युवा खिलाड़ी हैं, जो रणजी ट्रॉफी से आते हैं, जो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से आते हैं, जो छोटी-मोटी लीगों में खेलते हैं और अनकैप्ड प्लेयर्स हैं, उनको टीम में जगह पाने का काफी मौका मिले। तो सबसे बड़ा पॉजिटिव जय शाह के नजर में यही था कि बहुत बड़े नामी खिलाड़ी होने के बावजूद उनको इस नियम के चलते टीम में खेलने का मौका मिला था।
रोहित शर्मा ने जताई थी इंपैक्ट प्लेयर नियम को लेकर चिंता
अगर भारत क्रिकेट टीम की बात करें तो रोहित शर्मा पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने इंपैक्ट प्लेयर नियम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि इस नियम के चक्कर में ऑलराउंडर के रोल पर काफी प्रभाव पड़ता है क्योंकि वे एक तरह से बीच मझधार में फंस जाते हैं, ना इधर के रहते हैं ना उधर के रहते हैं।
क्योंकि टीमें अपना एक खास डिपार्टमेंट मजबूत करना चाहती हैं। और अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली के ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने भी इंपैक्ट प्लेयर नियम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी कि हर टीम अब एक अतिरिक्त बल्लेबाज चाहती है और इसके कारण गेंदबाजों पर काफी ज्यादा दबाव पड़ता है।
इसी को लेकर कई दिनों से सवाल जवाब हो रहे थे। तो अभी जय शाह ने जवाब दे दिया है कि नियम को लेकर काफी और चर्चा होगी और जो भी होगा वह 2024 T20 विश्व कप के बाद इसको लेकर निर्णय लिया जाएगा।
माइक हसी ने भी कहा था कि यह नियम अच्छा तो है लेकिन एक तरह से गेम में मज़ा लेकर आता है लेकिन गेंदबाजी के दृष्टिकोण से काफी खतरे वाला है। कि भविष्य में हम ऐसा हो सकता है कि हम टीमों को सिर्फ चार गेंदबाजों के साथ खेलते हुए देखें।
वहीं पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दिल्ली कैपिटल से कोच रिकी पोंटिंग का यह मानना है कि अगर यह नियम एक बेहतर एंटरटेनमेंट और स्पेक्टाकल प्रदान करता है फैंस के लिए तो इसमें कोई खामी नहीं है।